मुख्यमंत्री लघु उद्यमी योजना में जल शुरू होंगे आवेदन, रोजगार के लिए मिलेंगे 2 लाख रुपये

पटना। बिहार सरकार आत्मनिर्भरता की दिशा में एक और ठोस कदम उठा रही है। मुख्यमंत्री लघु उद्यमी योजना के तहत युवाओं को अपना व्यवसाय शुरू करने के लिए आर्थिक सहायता दी जा रही है। यह योजना खासकर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के युवाओं के लिए शुरू की गई है, ताकि वे समाज की मुख्यधारा में शामिल होकर आर्थिक रूप से सशक्त बन सकें।
उद्योग लगाने के लिए मिलेगा वित्तीय सहयोग
इस योजना के अंतर्गत सरकार लाभुकों को कुल दो लाख रुपये की सहायता राशि तीन किस्तों में देती है। पहली किस्त के रूप में 50 हजार रुपये लाभुक को उपकरण, मशीन और जरूरी सामान खरीदने के लिए दिए जाते हैं। इसके बाद लाभुकों को व्यवसाय से संबंधित प्रशिक्षण दिया जाता है। प्रशिक्षण पूरा होने पर दूसरी किस्त के रूप में एक लाख रुपये दिए जाते हैं, जिससे कच्चा माल और अन्य आवश्यक वस्तुएं खरीदी जा सकें। जब सारे काम पूरे हो जाते हैं, तब अंतिम किस्त के रूप में 50 हजार रुपये और दिए जाते हैं।
62 प्रकार के उद्योगों को मिलेगा लाभ
मुख्यमंत्री लघु उद्यमी योजना के तहत 62 प्रकार के उद्योगों की स्थापना के लिए सहायता मिल रही है। इसमें खाद्य प्रसंस्करण उद्योग जैसे आटा, बेसन, सत्तू, नमकीन, जैम, जेली, सॉस, नूडल्स, अचार, पापड़, मोरब्बा आदि शामिल हैं। इसके अलावा फर्नीचर उद्योग से जुड़े कार्य जैसे बेंत और बांस का फर्नीचर, नाव निर्माण, सीमेंट की जाली, दरवाजे-खिड़कियां, प्लास्टर ऑफ पेरिस के सामान आदि भी इस योजना के अंतर्गत आते हैं। दैनिक उपयोग की वस्तुओं का निर्माण जैसे डिटर्जेंट पाउडर, मोमबत्ती, बिंदी, मेहंदी भी शामिल हैं। इसके साथ ही कृषि यंत्र, गेट-ग्रिल, बिजली से जुड़ी चीजें जैसे स्टेबलाइज़र, पंखा, स्टील बॉक्स, मधुमक्खी पालन से संबंधित बक्सा और लोहारगिरी के कार्यों को भी शामिल किया गया है।
सेवा आधारित उद्योगों को भी बढ़ावा
योजना के तहत सेवा आधारित उद्योगों को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। इसमें सैलून, ब्यूटीपार्लर, लांड्री, ढाबा, रेडीमेड वस्त्र, कसीदाकारी, चमड़े के जूते-चप्पल, मिट्टी के बर्तन और चूड़ी उद्योग जैसी गतिविधियां शामिल हैं। यह सभी व्यवसाय ऐसे हैं जो कम लागत में शुरू किए जा सकते हैं और स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध करा सकते हैं।
अब तक सैकड़ों लाभुकों को मिला फायदा
सरकारी आंकड़ों के अनुसार जिले में अब तक 61 लोगों को इस योजना का लाभ मिल चुका है। पिछले वर्ष 44 युवाओं को सहायता दी गई थी जबकि इस साल अब तक 17 लोगों को योजना के अंतर्गत मदद मिली है।
कैसे होता है चयन
लाभुकों का चयन ऑनलाइन आवेदन और पूरी जांच प्रक्रिया के बाद किया जाता है। इसके लिए कंप्यूटरीकृत रैंडमाइजेशन प्रणाली अपनाई जाती है, ताकि चयन में पारदर्शिता बनी रहे। सही पाए गए आवेदनों पर अनुश्रवण समिति की सिफारिश के बाद पहली किस्त जारी की जाती है। मुख्यमंत्री लघु उद्यमी योजना बिहार के युवाओं के लिए एक सुनहरा अवसर है। यह योजना न केवल उन्हें रोजगार देने में मदद कर रही है, बल्कि स्वरोजगार के जरिए आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक सशक्त प्रयास भी है। इससे न सिर्फ बेरोजगारी घटेगी, बल्कि गांवों और कस्बों में स्थानीय उद्योगों को भी बढ़ावा मिलेगा। सरकार की यह पहल युवाओं के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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