आगरा से बिश्नोई गैंग के शूटर को पुलिस ने पकड़ा, रंगदारी का मामला, मांगे थे दो करोड रुपए

आगरा। आगरा पुलिस ने रविवार को लॉरेंस बिश्नोई गैंग से जुड़े एक शूटर को गिरफ्तार कर एक बड़े आपराधिक षड्यंत्र का खुलासा किया है। पकड़े गए अभियुक्त का नाम गोलू पंडित उर्फ मंनत पंडित है, जो आगरा के बाह क्षेत्र के महावीर नगर, पक्की तलैया का रहने वाला है। यह शूटर राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले में एक व्यापारी से दो करोड़ रुपये की रंगदारी मांगने और रंगदारी न देने पर उस पर फायरिंग करने के आरोप में फरार चल रहा था। राजस्थान पुलिस इस मामले में लंबे समय से सक्रिय थी और जब उसे इनपुट मिला कि आरोपी आगरा में है, तो उसने स्थानीय पुलिस के सहयोग से संयुक्त कार्रवाई की। डौकी थाना प्रभारी निरीक्षक योगेश कुमार के अनुसार, आरोपी ने श्रीगंगानगर में एक होटल में फर्जी नाम और आधार कार्ड के जरिए ठहराव किया था और वह मोबाइल फोन का भी उपयोग नहीं करता था, जिससे उसकी लोकेशन ट्रेस करना कठिन हो गया था।
गिरफ्तारी के दौरान हथियार बरामद
आगरा के डीसीपी पूर्वी अली अब्बास ने जानकारी दी कि गिरफ्तार आरोपी के पास से एक पिस्टल, दो मैगजीन और कुल 26 कारतूस बरामद किए गए हैं। गिरफ्तार करने के बाद आरोपी को राजस्थान पुलिस अपने साथ ले गई है, जहां आगे की जांच और पूछताछ जारी है। आरोपी की गिरफ्तारी के बाद राजस्थान में कई अन्य मामलों की परतें खुलने की उम्मीद है।
आगरा और लॉरेंस बिश्नोई गैंग का पुराना संबंध
गोलू पंडित की गिरफ्तारी से एक बार फिर आगरा और लॉरेंस बिश्नोई गैंग के बीच के संबंध उजागर हुए हैं। इससे पहले भी आगरा के डौकी थाना क्षेत्र से बिश्नोई गैंग के कई शूटर गिरफ्तार किए जा चुके हैं। 31 जनवरी 2023 को बाह तहसील के जैतपुर थाना क्षेत्र से पुलिस ने लॉरेंस गैंग के चार शूटरों को पकड़ा था। इन शूटरों में जयप्रकाश उर्फ जेपी (एमपी कॉलोनी, बीकानेर), ऋषभ उर्फ यशचंद्र रजवार (रामपुरा बस्ती, बीकानेर), प्रदीप शुक्ला उर्फ बाबा शुक्ला (डिफेंस कॉलोनी, बाह) और भूपेंद्र गुर्जर उर्फ थापा (बड़ा गांव, बाह) शामिल थे। इन आरोपियों ने राजस्थान की राजधानी जयपुर में होटल मालिक अक्षय गुरनानी पर ताबड़तोड़ फायरिंग की थी, जो कि लॉरेंस गैंग की धमक और उनके कार्यप्रणाली को दर्शाता है। आगरा से पकड़े गए इन अपराधियों की गतिविधियाँ यह स्पष्ट करती हैं कि यह क्षेत्र गैंगस्टर नेटवर्क का अहम हिस्सा बनता जा रहा है।
गिरफ्तारी की अहमियत और पुलिस की सतर्कता
गोलू पंडित की गिरफ्तारी से पुलिस को लॉरेंस बिश्नोई गैंग की गतिविधियों और नेटवर्क को समझने में महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं। यह भी उजागर हुआ है कि गैंग अपने अपराधियों को छुपाने के लिए फर्जी दस्तावेजों का सहारा ले रहा है और लोकेशन ट्रेस से बचने के लिए मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं कर रहा। इससे अपराधियों को पकड़ना चुनौतीपूर्ण बन गया है, लेकिन पुलिस की सक्रियता और विभिन्न एजेंसियों के समन्वय से इस गिरफ़्तारी को संभव बनाया जा सका। इस घटना से यह भी स्पष्ट होता है कि उत्तर भारत में संगठित अपराध तेजी से फैल रहा है और पुलिस को और भी अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है। लॉरेंस बिश्नोई गैंग जैसे आपराधिक गिरोहों को रोकने के लिए गहन जांच, ठोस खुफिया तंत्र और राज्य पुलिस के बीच बेहतर समन्वय की आवश्यकता है। गोलू पंडित की गिरफ्तारी न केवल एक बड़े अपराध की गुत्थी सुलझाने में सहायक रही है, बल्कि इससे लॉरेंस बिश्नोई गैंग की उत्तर भारत में फैलती जड़ों पर भी एक बार फिर प्रकाश पड़ा है। पुलिस की यह कार्रवाई अपराध के खिलाफ एक मजबूत संदेश है कि कोई भी अपराधी कानून की पकड़ से बच नहीं सकता, चाहे वह कितना भी चालाक और सतर्क क्यों न हो।

You may have missed