नीट पेपर लीक का मास्टरमाइंड संजीव मुखिया गिरफ्तार, एसटीएफ ने पटना से दबोचा, एडीजी ने दी जानकारी

पटना। नीट यूजी परीक्षा पेपर लीक मामले में लंबे समय से फरार चल रहे मुख्य आरोपी संजीव मुखिया को आखिरकार पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। यह गिरफ्तारी पटना के दानापुर इलाके में गुरुवार की रात की गई। संजीव मुखिया को पकड़ने के लिए बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) की टीम पिछले कई महीनों से लगातार प्रयासरत थी।
पुलिस के लिए चुनौती बना था संजीव
संजीव मुखिया सिर्फ नीट पेपर लीक ही नहीं, बल्कि बिहार में हुए कई प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रश्नपत्र लीक मामलों का भी मुख्य आरोपी रहा है। वह लगातार पुलिस की आंखों में धूल झोंककर फरार रहने में कामयाब हो रहा था। उसकी गिरफ्तारी पुलिस के लिए नाक का सवाल बन चुकी थी। इसी कारण से बिहार पुलिस मुख्यालय ने उस पर तीन लाख रुपये का इनाम घोषित किया था।
सगुना मोड़ से पकड़ा गया शातिर
गुरुवार की रात पुलिस को पुख्ता सूचना मिली कि संजीव मुखिया पटना के सगुना मोड़ क्षेत्र के एक अपार्टमेंट में छिपा हुआ है। इसके बाद आर्थिक अपराध इकाई की विशेष टीम ने इलाके की घेराबंदी कर छापेमारी की और संजीव मुखिया को गिरफ्तार कर लिया गया। उसे तुरंत पटना लाया गया जहां उससे पूछताछ की जा रही है।
एडीजी ने दी गिरफ्तारी की जानकारी
आर्थिक अपराध इकाई के एडीजी नैयर हसनैन खान ने बताया कि यह गिरफ्तारी पुलिस की बड़ी सफलता है। उन्होंने बताया कि संजीव मुखिया नीट पेपर लीक मामले में सबसे अहम कड़ी था और उसकी तलाश लंबे समय से की जा रही थी। शातिर तरीके से वह फरारी काट रहा था और पुलिस को चकमा दे रहा था। लेकिन अंततः वह कानून के शिकंजे में आ गया।
कई स्थानों पर छापेमारी, अन्य आरोपियों की तलाश
संजीव मुखिया की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने उससे प्रारंभिक पूछताछ की है, जिसके आधार पर कई ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है। आशंका जताई जा रही है कि उसके नेटवर्क में कई अन्य लोग भी शामिल हैं जो देशभर में परीक्षा से जुड़े गड़बड़ी के मामलों में सक्रिय हैं। पुलिस अब इन सभी की पहचान कर उन तक पहुंचने की कोशिश में जुट गई है।
जनता में नाराजगी, कड़ी सजा की मांग
नीट जैसी प्रतिष्ठित परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक होना देश की शिक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करता है। लाखों छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वाले ऐसे अपराधियों के खिलाफ जनता में गहरा आक्रोश है। लोग मांग कर रहे हैं कि संजीव मुखिया को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए ताकि भविष्य में कोई इस तरह की हरकत करने की हिम्मत न करे। संजीव मुखिया की गिरफ्तारी पुलिस की बड़ी उपलब्धि है, लेकिन यह मामला यहीं खत्म नहीं होता। अब जरूरत है पूरे नेटवर्क को उजागर करने और न्यायिक प्रक्रिया के तहत दोषियों को सजा दिलाने की। देश के शिक्षा तंत्र की विश्वसनीयता को बनाए रखने के लिए ऐसे मामलों में सख्त और त्वरित कार्रवाई बेहद जरूरी है।
5 मई 2024 को लीक हुआ था नीट का पेपर
5 मई 2024 को हुई नीट परीक्षा का पेपर लीक होने के बाद से संजीव मुखिया पर शक जताया जा रहा था कि उसने इस मामले में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। 11 मई 2024 को झारखंड के देवघर से 6 लोगों की गिरफ्तारी हुई थी, जिनमें से एक आरोपी चिंटू था, जो संजीव मुखिया का रिश्तेदार था। जांच में यह सामने आया कि नीट के प्रश्नपत्र और उसके उत्तर की पीडीएफ फाइल 5 मई की सुबह चिंटू के व्हाट्सएप पर आई थी, जिसे फिर लर्न एंड प्ले स्कूल में रखे गए वाईफाई प्रिंटर से प्रिंट किया गया और छात्रों को दिया गया।

You may have missed