दिल्ली में विधानसभा चुनाव का ऐलान: 5 फरवरी को एक चरण में मतदान, आठ को आएंगे नतीजे

नई दिल्ली। दिल्ली में विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारियां तेज हो गई हैं। मंगलवार को केंद्रीय चुनाव आयोग ने 2025 के विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी दी कि दिल्ली में चुनाव 5 फरवरी को एक ही चरण में होंगे और परिणाम 8 फरवरी को घोषित किए जाएंगे। दिल्ली विधानसभा का मौजूदा कार्यकाल 23 फरवरी 2025 को समाप्त हो रहा है। चुनाव की प्रक्रिया पूरी करने के लिए 18 फरवरी से पहले सारी प्रक्रियाओं को संपन्न कर लिया जाएगा क्योंकि मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार 18 फरवरी को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। दिल्ली में 70 विधानसभा सीटें हैं और इन पर मतदान की प्रक्रिया 5 फरवरी को पूरी होगी। इसके बाद 8 फरवरी को मतगणना होगी और नतीजे घोषित किए जाएंगे।
पिछले चुनावों का प्रदर्शन
2020 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को जबरदस्त जीत मिली थी। पार्टी ने कुल 62 सीटें जीती थीं और 53.57% वोट शेयर हासिल किया था। वहीं, भारतीय जनता पार्टी को 38.51% वोट मिले और पार्टी ने 8 सीटों पर जीत दर्ज की। दूसरी ओर, कांग्रेस को महज 4.26% वोट मिले और पार्टी अपना खाता भी नहीं खोल पाई। दिलचस्प बात यह है कि 2015 के चुनावों में भी कांग्रेस को कोई सीट नहीं मिली थी। यह स्पष्ट संकेत था कि दिल्ली की राजनीति में कांग्रेस का प्रभाव कमजोर हुआ है।
चुनाव आयोग की तैयारियां और सफाई
चुनावी प्रक्रिया में गड़बड़ी के आरोपों को लेकर भी मुख्य चुनाव आयुक्त ने सफाई दी। उन्होंने 30 मिनट तक फैक्ट्स और डेटा के माध्यम से यह सुनिश्चित किया कि चुनाव निष्पक्ष और पारदर्शी होंगे। आयोग ने बताया कि चुनाव में नई तकनीकों और सुरक्षा उपायों का इस्तेमाल किया जाएगा ताकि किसी भी प्रकार की गड़बड़ी न हो।
राष्ट्रीय राजनीति में दिल्ली विधानसभा चुनाव का महत्व
दिल्ली विधानसभा चुनाव हमेशा से ही राष्ट्रीय और स्थानीय राजनीति में खास महत्व रखते हैं। यह चुनाव आम आदमी पार्टी के लिए चुनौतीपूर्ण होगा, जो पिछले दो चुनावों में भारी बहुमत से सत्ता में आई है। भारतीय जनता पार्टी, जो राष्ट्रीय स्तर पर सत्तारूढ़ है, इस बार दिल्ली में अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिश करेगी। वहीं, कांग्रेस के लिए यह चुनाव अस्तित्व की लड़ाई की तरह होगा। 5 फरवरी को होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनावों में राजनीतिक पार्टियों के प्रदर्शन पर सभी की नजरें टिकी होंगी। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या आम आदमी पार्टी अपनी सत्ता बरकरार रख पाएगी, भाजपा कोई बड़ा उलटफेर कर पाएगी, या कांग्रेस वापसी का कोई रास्ता तलाश सकेगी।
दिल्ली में 33 हजार 330 पोलिंग स्टेशन
राजीव कुमार ने बताया कि दिल्ली में 33 हजार 330 पोलिंग स्टेशन हैं। राजधानी में बूथ सुंदर बनाने की कोशिश करेंगे। आपका अनुभव सुखद रहे, इसका प्रयास करेंगे। सक्षम ऐप में दिव्यांग वोटर्स हर चीज चेक कर सकते हैं, सुविधाएं जान सकते हैं। 85 साल की उम्र के ज्यादा के वोटर्स के लिए घर से वोट करने के लिए फॉर्म 12 डी सर्कुलेट होंगे। वोटर हेल्पलाइन से अपना नाम ऑनलाइन चेक कर लें। पोलिंग स्टेशन देंखें। बीएलओ का नंबर है। उससे बात करें। कोई गड़बड़ दिखाई दे तो रजिस्टर करें सी-विजिल पर, हमें बताएं। हम तुरंत रेस्पॉन्ड करेंगे। 100 मिनट के भीतर यह सब हम करेंगे। क्रिमिनल बैकग्राउंड वालों की डिटेल्स रहेगी। आप यह भी देखें। सुविधा पोर्टस कैंडिडेट्स के लिए , आप सारी सुविधाएं ऑनलाइन मांगे। कैंपेनिंग में ध्यान लगाएं, ऑफिस की दौड़भाग ना करें। पहले अप्लाई करें और पहले सुविधा पाएं। मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा- अगर कोई मशीन ऑन होने में गलती हुई। मॉक पोल का डाटा नहीं हटाया गया। उस मशीन को एक तरफ रख लिया जाता है। काउंटिंग के बाद विक्ट्री मार्जिन अगर एक मशीन से कम है तो वीवीपैट गिनी जाती है, नहीं तो उसे अलग कर दिया जाता है, गिना नहीं जाता है। इसका रिजल्ट पर कोई असर नहीं पड़ता है। फॉर्म 20 में एकदम सही डिटेल रिजल्ट की दी जाती है। 2019 के बाद सुप्रीम को्र्ट ने 5 वीवीपैट काउंटिंग का आदेश दिया था। 4.5 करोड़ वोट गिने गए थे। 67 हजार वीवीपैट थीं। एक गड़बड़ी नहीं आई थी। सबकुछ आपको बता दिया है अब हमने। सब वेबसाइट पर है। एक एक विधानसभा का पोलिंग स्टेशन,कैंडिडेट दुनिया के किसी भी इलेक्शन बॉडी में इतना डेटा हो तो बताइए। दुनिया में चुनाव कराने वालों से पूछ लीजिए और हमें बताइए। यूपी, राजस्थान, पंजाब और बिहार की लिस्ट आज जारी होगी और हम पहली बार 99 करोड़ पार करेंगे। महिलाओं की संख्या भी 48 करोड़ पार करने वाली है। नए साल में पहली बारी दिल्ली की है। दिल्ली की अपनी एक विरासत है। विविधता का एक जाग्रत नजारा मिलता है, हर कल्चर और हर जगह के लोग मिलते हैं। उनकी जिम्मेदारी बढ़ जाती है। दिल्ली दिल से वोट करेगी, ऐसी हमें उम्मीद है। इन सभी उपलब्धियों के बीच गंभीर मुद्दे हैं। कुछ समय इस पर लूंगा। 2024 में जहां उपलब्धियां मिलीं, वही चुनाव के दौरान कुछ शंकाएं, परेशानियां भी सामने आईं।

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