युवा कांग्रेस पर लाठीचार्ज के विरोध में सदन में जमकर हंगामा, नाराज होकर बाहर गए मुख्यमंत्री, स्पीकर की चेतावनी

पटना। बिहार विधानसभा के मानसून सत्र के चौथे दिन कांग्रेस नेताओं पर हुए लाठीचार्ज के विरोध में सदन में जमकर हंगामा हुआ। कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा में मुंह पर काली पट्टी बांधकर नारेबाजी की। उनका कहना था कि लाठी और गोली की सरकार नहीं चलेगी। सदन में कांग्रेस विधायकों ने वेल में आकर हंगामा किया, जिस पर स्पीकर नंदकिशोर यादव ने उन्हें चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि अगर किसी को चोट आई तो उन्हें छोड़ा नहीं जाएगा। इस हंगामे से नाराज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सदन से बाहर चले गए। कांग्रेस विधायक राजेश राम ने कहा कि हमने बिहार सरकार को आगाह किया है कि अपराध को कंट्रोल करें। नीतीश कुमार जब राजद के साथ होते हैं, तो बीजेपी के लोगों को पीटते हैं और जब बीजेपी के साथ होते हैं, तो राजद के लोगों को पीटते हैं। वहीं, भाजपा विधायक हरि भूषण ठाकुर बचौल ने कहा कि कानून व्यवस्था को सुधारने के लिए प्रशासन हल्के बल का प्रयोग करता है। कांग्रेस ने देश का मुंह काला किया था, आज काली पट्टी बांधकर आए हैं। इन्हें प्रायश्चित करना चाहिए। बुधवार को पटना में यूथ कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया था। इस दौरान यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास पर भी डंडे बरसाए गए थे। इस घटना के विरोध में कांग्रेस विधायकों ने सदन में हंगामा किया। विपक्ष के प्रदर्शन से नाराज होकर सीएम नीतीश कुमार सदन से निकल गए। स्पीकर नंदकिशोर यादव ने हंगामा कर रहे कांग्रेस विधायकों को चेतावनी दी और कहा कि अगर किसी को कुछ हुआ तो उन्हें नहीं छोड़ा जाएगा। विधानसभा की कार्यवाही के दौरान डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने वित्तीय वर्ष 2021-22 और 2022-23 के लिए कैग रिपोर्ट पेश की। प्रश्नकाल के बाद इसे विधानसभा में रखा गया। इसके अलावा, अनुपूरक बजट में शिक्षा विभाग के अनुदान की मांग पर चर्चा हुई और वित्त मंत्री ने बिहार विनियोग विधेयक-2024 को सदन में पेश किया। विपक्ष के विरोध के बावजूद, सरकार ने दो दिनों में 6 बिल पास कराए। इस हंगामे से स्पष्ट है कि बिहार में राजनीतिक तनाव अपने चरम पर है और कानून व्यवस्था को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच तीखी बहस जारी है। बिहार विधानसभा का मानसून सत्र इस बार भी राजनीतिक गहमागहमी और विरोध प्रदर्शनों के बीच चल रहा है, जिसमें जनता की समस्याओं और मुद्दों पर कम और राजनीतिक खींचतान पर ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है।
