पुलवामा में सेना ने मुठभेड़ में दो आतंकियों को मार गिराया, इलाके में सर्च ऑपरेशन जारी

जम्मू। पुलवामा जिले के निहामा इलाके में सोमवार को आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ में लश्कर-ए-तैयबा के दो आतंकी मारे गए। सुरक्षा बलों ने इलाके में घेराबंदी कर कार्रवाई की और आतंकवादी जिस घर में छिपे थे, उसमें आग लग गई। हर संदिग्ध गतिविधि पर कड़ी नजर रखी जा रही थी। इस मुठभेड़ में लश्कर का एक शीर्ष कमांडर और उसका एक साथी मारा गया। रिपोर्ट के अनुसार, काकापोरा, साथरगुंड निवासी रियाज अहमद डार इस मुठभेड़ में मारा गया। रियाज अहमद लश्कर-ए-तैयबा का शीर्ष कमांडर था और पिछले नौ सालों से सक्रिय था। सुरक्षा बलों द्वारा उसे कई सालों से वांछित किया जा रहा था और उस पर कई हत्याओं में शामिल होने का आरोप था। कश्मीर जोन पुलिस ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा कि सुरक्षा बलों ने मोर्चा संभालते हुए पुलवामा के निहामा इलाके में तलाशी अभियान चलाया। खुफिया जानकारी के अनुसार, इस इलाके में आतंकियों की मौजूदगी की सूचना मिली थी, जिसके बाद सुरक्षा बलों ने इलाके को घेर लिया और तलाशी अभियान शुरू किया। इस दौरान, आतंकियों ने सुरक्षा बलों पर गोलीबारी की, जिसके जवाब में सुरक्षा बलों ने भी कार्रवाई की। इस मुठभेड़ में लश्कर-ए-तैयबा के दो आतंकी मारे गए। 2024 में अब तक जम्मू-कश्मीर में सबसे शांतिपूर्ण हालात रहे हैं, पुलिस के आंकड़ों के अनुसार। इस वर्ष अब तक केवल 16 आतंकी घटनाएं हुई हैं और मौतों का आंकड़ा भी काफी कम रहा है। इससे पहले, कुपवाड़ा में भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा चलाए गए संयुक्त अभियान में हथियारों, गोला-बारूद और युद्ध सामग्री का बड़ा जखीरा बरामद किया गया था। निहामा इलाके की इस मुठभेड़ ने सुरक्षा बलों की तत्परता और प्रभावी कार्रवाई को एक बार फिर साबित किया है। लश्कर का शीर्ष कमांडर रियाज अहमद डार लंबे समय से सुरक्षा बलों की हिट लिस्ट में था और उसकी मौत से लश्कर को बड़ा झटका लगा है। स्थानीय निवासियों के अनुसार, रियाज अहमद डार ने कई वर्षों तक आतंकवाद की गतिविधियों को अंजाम दिया था और वह सुरक्षा बलों के लिए एक बड़ी चुनौती था। सुरक्षा बलों ने इलाके में शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए अपने अभियान को और तेज कर दिया है। मुठभेड़ के बाद इलाके की घेराबंदी कर तलाशी अभियान चलाया गया और यह सुनिश्चित किया गया कि कोई अन्य आतंकी छिपा न हो। कश्मीर में हालात सामान्य रखने और आतंकवाद को समाप्त करने के लिए सुरक्षा बलों द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इस मुठभेड़ ने सुरक्षा बलों की मजबूती और उनकी रणनीतिक क्षमता को भी उजागर किया है। आम नागरिकों में भी सुरक्षा बलों की इस कार्रवाई को लेकर विश्वास बढ़ा है और वे उम्मीद कर रहे हैं कि भविष्य में भी इसी तरह के अभियान चलते रहेंगे जिससे क्षेत्र में स्थाई शांति और सुरक्षा बनी रहे। इस तरह की घटनाएं दिखाती हैं कि सुरक्षा बलों की तत्परता और रणनीतिक क्षमता से आतंकवादियों पर कड़ी कार्रवाई की जा रही है, जिससे कश्मीर में शांति और स्थिरता कायम रखने में मदद मिल रही है।
