जदयू की कमान फिर थामेंगे नीतीश, फ़िर ललन सिंह कहां जाएंगे..राष्ट्रीय बैठक में जदयू का नया एजेंडा

पटना। इंडिया गठबंधन के बैठक में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को कुछ खास सकता तरजीह नहीं मिलने के बाद प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चाएं आरंभ हो गई है, की जदयू के राष्ट्रीय परिषद की बैठक में सीएम नीतीश कुमार कुछ बड़ा निर्णय लेने जा रहे हैं। चर्चा इस बात की भी है कि राष्ट्रीय परिषद के बैठक में सीएम नीतीश कुमार पुनः बतौर राष्ट्रीय अध्यक्ष जदयू की पूरी लगाम खुद अपने हाथों में लेने जा रहे हैं। फिलहाल मुंगेर के सांसद ललन सिंह जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। आरसीपी सिंह के नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल में शामिल होने के उपरांत नीतीश कुमार ने ललन सिंह हाथों में जदयू का बागडोर सौंपा था। दरअसल, इंडिया गठबंधन की बैठक में मध्य प्रदेश, राजस्थान तथा छत्तीसगढ़ के चुनावी नतीजे के मद्देनजर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को कांग्रेस के तरफ से किसी अन्य प्रकार के प्रस्ताव की आस थी। राजनीतिक सूत्रों के मुताबिक, ऐसा अनुमान लगाया जा रहा था कि उक्त बैठक में कांग्रेस प्रधानमंत्री पद के लिए अपने पार्टी से बाहर किसी अन्य चेहरे पर विचार करने की पेशकश कर सकती है। मगर ऐसा हुआ नहीं, इसके बाद बिहार में सत्ताधारी जदयू के पास अपने राजनीतिक दशा-दिशा को लेकर पुनः मंथन के संकेत प्राप्त हो रहे हैं। सीएम नीतीश कुमार के करीबी जदयू नेताओं को उम्मीद थी कि राजद के द्वारा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री पद के संभावित प्रत्याशी के रूप में इंडिया गठबंधन के समक्ष विचार हेतु प्रस्तुत किया जाएगा। मगर यह भी नहीं हो पाया। ऐसे में जदयू भी के लिए कांग्रेस के नेतृत्व वाली इंडिया गठबंधन के छत्रछाया में 2024 के चुनावी महासमर में उतारने के अलावा कोई और विकल्प नहीं बचा दिखता है।

लेकिन ऐसी परिस्थिति में कई बार सीएम नीतीश कुमार ने अचानक से बड़ा निर्णय लेकर सबों को चौंकाया है। सूत्रों के मुताबिक, इस बार बड़ा निर्णय लेने के लिए सीएम नीतीश कुमार जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष की बागडोर भी अपने हाथों में ले सकते हैं। ताकि उनके द्वारा लिए गए ठोस निर्णय के बाद पार्टी के अंदर किसी प्रकार की खलबली ना मचे। सांसद ललन सिंह अभी जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। जो सीएम नीतीश कुमार के सबसे बड़े वफादार माने जाते हैं। मगर पार्टी के अंदरूनी जानकारी रखने वाले लोगों की बातों पर यकीन करें। तो पिछले कुछ वर्षों पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के किचन कैबिनेट में शामिल दो चर्चित सिपहसलार लगातार सीएम नीतीश कुमार को यह समझाने का प्रयास कर रहे हैं कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद पर वे स्वयं विराजमान हों। अथवा पिछड़े वर्ग से आने वाले किसी व्यक्ति को बैठाएं। ताकि जदयू के वोट बैंक को पहले की तरह सुदृढ़ किया जा सके। राजधानी पटना में जदयू के द्वारा हाल ही में आयोजित एक कार्यक्रम की बड़ी सफलता को लेकर सीएम नीतीश कुमार के समक्ष जदयू की नई प्रकार की आगामी रणनीति की तस्वीर पेश की गई थी। बहरहाल सीएम नीतीश कुमार अथवा जदयू के कोई बड़े नेता अपने मुंह से कुछ भले न बोलें- मगर इंडिया गठबंधन के अंदर जदयू के इस हाल को लेकर सभी पार्टी के भविष्य को लेकर सशंकित जरूर हैं। इसलिए इस बार के राष्ट्रीय परिषद की बैठक में चौंकाने वाले फैसले लिए जा सकते हैं।