प्रधानमंत्री ने असम में वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना, नॉर्थईस्ट को मिली बड़ी सौगात

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज असम की पहली ‘वंदे भारत एक्सप्रेस’ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज असम सहित पूरे नॉर्थ ईस्ट के रेल संपर्क के लिए एक बड़ा दिन है। पीएम मोदी ने कहा कि यह वंदे भारत एक्सप्रेस यहां रहने वाले लोगों का जीवन आसान बनाएगी और इससे राज्य के पर्यटन क्षेत्र को भी बढ़ावा मिलेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि नॉर्थ ईस्ट को पहली मेड इन इंडिया वंदे भारत मिल रही है। दूसरा ये पश्चिम बंगाल को जोड़ने वाली तीसरी वंदे भारत है और असम और मेघालय के लगभग 425 किमी ट्रैक पर विद्युतीकरण का काम पूरा हो गया है। इससे पहले प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की ओर से जारी एक बयान में कहा गया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 29 मई को दोपहर 12 बजे वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से असम की पहली वंदे भारत एक्सप्रेस को झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। उद्घाटन दौड़ से पहले पीएम मोदी ने कहा कि ट्रेन पर्यटन को बढ़ावा देगी और पूर्वोत्तर में सामाजिक-आर्थिक विकास को समृद्ध करेगी। आज 29 मई को दोपहर 12 बजे असम की पहली वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाकर मुझे खुशी हो रही है। पीएम मोदी ने ट्वीट में कहा कि यह अत्याधुनिक ट्रेन गति, आराम और बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करने की हमारी प्रतिबद्धता का प्रतीक है। यह पर्यटन को भी बढ़ावा देगा और सामाजिक-आर्थिक विकास को समृद्ध करेगा। यह असम में गुवाहाटी और पश्चिम बंगाल में न्यू जलपाईगुड़ी के बीच खूबसूरती से डिजाइन की गई अपनी तरह की पहली प्रीमियम सेमी-हाई स्पीड, अच्छी तरह से सुसज्जित पूरी तरह से एयर कंडीशनर सेवा है।

यह इस क्षेत्र की सबसे तेज ट्रेन होगी और इससे आईटी पेशेवरों, कारोबारियों, छात्रों और पर्यटकों को फायदा होगा। वंदे भारत एक्सप्रेस देश में रेल यात्रा के मानकों और गति को बढ़ाने के लिए भारतीय रेलवे द्वारा रखी गई एक महत्वाकांक्षी योजना की पूर्ति है। प्रधानमंत्री न्यू बोंगाईगांव-दुधनोई-मेंडीपाथर और गुवाहाटी-चापरमुख नव विद्युतीकृत खंड भी राष्ट्र को समर्पित करेंगे। वह यहां लुमडिंग में नए डेमू/मेमू (ट्रेनों के लिए वर्कशॉप) शेड का भी उद्घाटन करेंगे। इसके साथ ही प्रधानमंत्री 182 किलोमीटर लंबे मार्ग के नए विद्युतीकृत खंडों को भी राष्ट्र को समर्पित करेंगे। इससे यात्रा में लगने वाले समय को कम करने के साथ प्रदूषण मुक्त परिवहन प्रदान करने में भी मदद मिलेगी।

 

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