27 राज्यों से कृषि वैज्ञानिक ने 3 दिवसीय अंतराष्ट्रीय सम्मेलन में हिस्सा लिया

बिहार की राजधानी पटना में किसानों के मुद्दों पर तीन दिवसीय अंतराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन बिहार सरकार के कृषि मंत्री ने मंगलवार को किया। इस अवसर पर बिहार सरकार के कृषि मंत्री श्री प्रेम कुमार ने कहा कि बिहार में अब डीजल मुक्त खेती होगी। राज्य में जल्द कृषि यंत्र बैंक बनाया जाएगा।। राज्य में कृषि के क्षेत्र में रेकॉर्डतोड़ उत्पादन हुआ है। उन्होंने कहा कि पहले किसान भाइयों को फर्टिलाइजर के लिए लाइन लगानी पड़ती थी। लाठियां खानी पड़ती थी, हमारी सरकार ने किसानों के कल्याण के लिए वह काम किएए जो काम पिछले 48 बरसों में नहीं हो पाए थे। हमने किसानों तक नीम कोटेड यूरिया उपलब्ध कराया। उन्होंने कहा कि अगर राज्य में 22 हजार हेक्टेयर में हम किसानों को सिंचाई की सुविधा दे पाएंगे तो इससे बिहार के 17 जिलों में किसानों को फायदा होगा। बिहरा सरकार का कृषि विभाग इन जिलों में किसानों को सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराएगा। राज्य में कृषि के विकास के लिए हमें 600 करोड़ रुपये की जरूरत है। आगामी सालों में कृषि के विकास पर 2400 करोड़ रुपये का खर्च आएगा।

बिहार के कृषि मंत्री डॉ प्रेम कुमार ने कहा कि सरकार किसानों की माली हालत में सुधार के लिए काम कर रही है। हमारी प्राथमिता किसानों की आमदनी बढ़ाना है। मोदी सरकार भी उसी दिशा में काम कर रही है। हम किसानों के आंसू पोंछकर उनके चेहरे पर मुस्कराहट लाएंगे। खेती के तरीके को समय के अनुसार बदलना होगा। हम खेती को उन्नत तकनीक से जोड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि मिट्टी और जलवायु के हिसाब से खेती की योजना बन रही है। कृषि रोडमैप से एक दर्जन विभागों को जोड़ा गया है। सिंचाई की व्यवस्था बेहतर हो रही है। कृषि के लिए अलग से फीडर का निर्माण हो रहा है। खाद की कोई कमी नहीं है। रबी और खरीफ की फसलों के अलावा फूलए फलए मशरूम, गन्ना आदि की खेती को बढ़ावा दिया जाएगा। लीची सहित फसलों का किसानों को लाभकारी मूल्य दिया जाएगा। दूसरे राज्यों में बेहतर खेती के लिए किस तरह का काम हो रहा है, इसका भी यहां अध्ययन किया जा रहा है। जरूरत के हिसाब से इसे यहां भी लागू किया जाएगा।

बिहार के कृषि मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार किसानों की आमदनी दोगुनी करने की दिशा में काम कर रही है। कृषि मंत्री ने मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि पिछले साल मक्का के रेकॉर्ड उत्पादन को लेकर माननीय प्रधानमंत्री ने बिहार को राष्ट्रीय कृषि कार्मिक पुरस्कार से सम्मानित करने का फैसला किया है। सम्मेलन में जैविक खेती, बागवानी, डेयरी, मुर्गी पालन, मत्स्य पालन, मधुमक्खी पालन और अन्य तरीकों के माध्यम से किसानों की आमदनी में सुधार करने पर विचार-विमर्श किया गया।

कृषि मंत्री ने कहा कि फसलों कटाई के बाद बचे फसलों के अवशेष पुआल और भूसा खेतों में नहीं जलाने के लिए किसानों को सरकार जागरूक करेगी। विभागीय अधिकारी किसानों को बताएंगे कि फसल अवशेष जलाने से मिट्टी की उर्वरता समाप्त होती है। फसल अवशेष खेत में नहीं जलाने के लिए कृषि विज्ञान केंद्रों और विभागीय अधिकारियों के माध्यम से किसानों को जागरूक किया जा रहा हे। सम्मेलन में भागलपुर स्थित बीएयू सबौर के डॉ एके सिंह, सहित देश और विदेश के कई कृषि विशेषज्ञों ने शिरकत की। कृषि से संबंधित करीब 200-300 शोधपत्र इस तीन दिवसीय सम्मेलन में राष्ट्रीय और विदेशी प्रतिनिधियों की ओर से पेश किए जाएंगे। सम्मेलन के पहले दिन कई किसानों ने भी इसमें भाग लिया।

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