15 साल के काम का हिसाब ढूंढने वाले आंकड़ों पर जरूर नजर डाले : प्रो. रणबीर

पटना। जदयू प्रवक्ता एवं पूर्व विधान पार्षद प्रो. रणबीर नंदन ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का विकास बातों में नहीं बल्कि जनता के लिए आए बदलाव में दिखता है। 2005 में सरकार बनने के बाद से अब तक बिहार में प्रति व्यक्ति आय में छह गुना की बढ़ोतरी हुई है। जबकि राष्ट्रीय औसत पर यह आंकड़ा चार गुना है। राज्य में दो लेन की सड़कें 2005 में सिर्फ 2 फीसदी थी, 2021 में यह आंकड़ा 68 प्रतिशत तक पहुंच गया है।
प्रो. नंदन ने कहा कि वर्ष 2005 में बिहार में 50,294 स्कूल थे और उसमें पढ़ाने वाले शिक्षकों की संख्या 67,819। एक स्कूल में सवा शिक्षक से भी कम। नीतीश ने सरकार बनाने के बाद सबसे पहले बिहार की मेधा को संवारने का फैसला लिया। आज प्रदेश में 75,295 स्कूल हैं। आजादी के बाद 57 साल में जितने स्कूल प्रदेश में बनवाए गए, उसका आधा तो नीतीश कुमार ने पिछले 16 सालों में बनवाया है। शिक्षकों की बात करें तो आज प्रदेश के स्कूलों में 4.7 लाख शिक्षक बच्चों को पढ़ा रहे हैं। शिक्षकों की संख्या में 16 साल में 7 गुना वृद्धि हुई है।
उन्होंने कहा कि फोरलेन सड़कों का निर्माण हो रहा है। वर्ष 2005-06 में सड़कों के निर्माण पर 543 करोड़ खर्च हो रहे थे। वर्ष 2021-22 में सड़क निर्माण का बजट 6575 करोड़ रुपये रहा यानी पिछले 16 साल में 12 गुना की बढ़ोत्तरी। प्रो. नंदन ने कहा कि राष्ट्र निर्माण में बिहार का योगदान कितना है, यह नीतीश सरकार की योजनाओं से आसानी से समझा जा सकता है।
उन्होंने कहा कि बिहार में 15 साल के काम का हिसाब ढूंढने वालों को इन आंकड़ों पर जरूर नजर डालना चाहिए। मुख्यमंत्री न दावा करते हैं और न ही वादा। वो बस काम कर के दिखाते हैं, जो सबके सामने है।

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