01 मई से 1584 श्रमिक स्पेशल द्वारा 22.86 लाख प्रवासी श्रमिकों को गंतव्य तक पहुंचाया गया : महाप्रबंधक

हाजीपुर। शनिवार को पूर्व मध्य रेल मुख्यालय में स्वतंत्रता दिवस समारोह काफी हर्षोल्लास से मनाया गया। इस अवसर पर महाप्रबंधक ललित चन्द्र त्रिवेदी ने झंडोत्तोलन किया। उन्होंने सभी को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर अपर महाप्रबंधक अशोक कुमार, प्रधान मुख्य कार्मिक अधिकारी सुशांत झा, प्रधान मुख्य सुरक्षा आयुक्त एस. मयंक एवं अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित थे। साथ ही पूर्व मध्य रेल के यूनियन-एसोसिएशन संगठन के पदाधिकारी, अधिकारी एवं रेलकर्मी उपस्थित थे।
समारोह में उपस्थित अधिकारियों एवं कर्मचारियों को संबोधित करते हुए महाप्रबंधक ने कहा कि आज पूरा विश्व कोविड-19 के महामारी के दौर से गुजर रहा है जिससे बचने का एकमात्र उपाय स्वयं का बचाव करना है। भारतीय रेल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ कि देश की जीवन रेखा कही जाने वाली भारतीय रेल का पहिया थम सा गया। मुझे गर्व है हमारे रेलकर्मियों पर जिन्होंने इस चुनौती को स्वीकार किया और कोविड-19 के प्रसार को रोकने के साथ ही रेल का पहिया निरंतर चलता रहे इस हेतु कई कदम उठाए।
महाप्रबंधक ने इस संकट की घड़ी में पूर्व मध्य रेल द्वारा उठाये गये कदमों की चर्चा करते हुए कहा कि कोविड-19 के कारण देश के विभिन्न भागों से लौटे प्रवासी मजदूरों को रोजगार के अवसर मुहैया कराने के उद्देश्य से भारत सरकार ने गरीब कल्याण रोजगार अभियान की शुरूआत की है। पूर्व मध्य रेल द्वारा इस अभियान को बिहार के 32 जिलों में लागू किया गया है जहां रेलवे के 37 परियोजनाओं में प्रवासी श्रमिकों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराये गये है। इस अभियान के तहत 20 जून से 07 अगस्त, तक बिहार में 01 लाख 35 हजार 425 मानव दिवस सृजित किये जा चुके हैं और कुल रुपये 262.82 करोड़ का भुगतान किया गया है। वहीं मनरेगा के तहत सभी 38 जिले के श्रमिकों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराये जा रहे हैं।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के उपरांत 01 मई से 1584 श्रमिक स्पेशल द्वारा 22 लाख 86 हजार प्रवासी श्रमिकों को उनके गंतव्य तक पहुंचाया गया। यात्रा के दौरान विभिन्न स्टेशनों पर उन्हें भोजन, पानी सहित अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध करायी गयी। वर्तमान समय में पूरे भारतीय रेल में 230 रेल गाड़ियों का परिचालन किया जा रहा है जिनमें से 80 रेल गाड़ियां पूर्व मध्य रेल के क्षेत्राधिकार में चल रही है। वहीं कोविड19 के मद्देनजर पूर्व मध्य रेल ने 269 कोचों को कोविड केयर कोच में बदल दिया जिसके फलस्वरूप 04 हजार 304 अतिरिक्त बेड उपलब्ध हो गये। राज्य के 15 स्टेषनों पर प्रति स्टेशन 20 की संख्या में कुल 300 कोविड केयर कोच तैनात किया जा रहा है जहां संदिग्ध अथवा पीड़ित मरीजों का समुचित इलाज किया जा सके। उन्होंने कहा कि अब तक लगभग 03 हजार संदिग्ध रेल कर्मचारियों और उनके लाभार्थियों का कोविड-19 की जांच की गयी, जिनमें से करीब 08 सौ कोविड पॉजिटिव पाये गये हैं, जिनका विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है। इनमें से 12 ठीक होकर घर जा चुके हैं। वहीं पूर्व मध्य रेल द्वारा स्वयं 1 लाख 03 हजार 628 फेस मास्क तथा 28 हजार 761 पीपीई किट तैयार किए गए। इसके साथ ही 12 हजार लीटर से अधिक सेनिटाइजर भी तैयार किए, जो लोको पायलट, कीमैन, गैंगमैन सहित अन्य लाइन कर्मचारियों के बीच वितरित किये गए। अब तक हमनें 91 रेलकर्मियों को वूर्व मध्य रेल के कोरोना योद्धा के सम्मान से सम्मानित किया है। यह प्रक्रिया अभी जारी है।
इसके साथ ही महाप्रबंधक ने पूर्व मध्य रेल द्वारा प्राप्त उपलब्धियों का संक्षिप्त विवरण भी प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि कोविड-19 की चुनौतियों के बावजूद हमनें सतत् विकास एवं मुस्कान के साथ यात्रियों की सुरक्षित यात्रा की प्रतिबद्धता का निर्वहन करते हुए पिछले वित्त वर्ष (2019-20) एवं चालू वित्त वर्ष (2020-21) के प्रथम चार महीनों में कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं ।

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