CM नीतीश के आदेश का असर : संपतचक सीओ और गोपालपुर थानेदार ने भोगीपुर के भू-विवाद मामले को सुलझाया

फुलवारी शरीफ। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के उस आदेश का असर अब जमींन पर दिखने लगा है, जिसमें उन्होंने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिया है कि अपराध के बढ़ते मामले भूमि विवाद से जुड़े अधिक होते हैं, ऐसे में अधिकारयों को भूमि विवादों को प्राथमिकता के तौर पर निपटारा करके झगड़ा विवाद से लोगों को बचाया जा सकता है। पटना के संपतचक प्रखंड के भोगीपुर में सुखदेव विहार में सुखदेव सिंह ने अपनी जमीन में रास्ता निकालकर कुछ लोगों को प्लॉट बिक्री किया था, जिस रास्ते को दिखाकर जमीन दलाल और आसपास के बंद प्लॉट वाले भू-स्वामी अपनी जमीने बेचने में लगे थे। इसकी जानकारी जब सुखदेव सिंह के पुत्र नागेश्वर सिंह स्वराज को हुई तो उन्होंने इस पर कड़ी आपत्ति जताते हुए थाना पुलिस को सूचना दिया।

नागेश्वर सिंह स्वराज ने बताया कि सुधीर सिंह ने अपने बंद जमीन पर फर्जी रास्ता दिखा कर अनुप रंजन को बेच दिया था, फिर सुधीर सिंह- जमीन विक्रेता, अनुप रंजन- बैंक अधिकारी व खरीददार, कुमार गौरव- ब्रोकर, अभिषेक कुमार- जमीन खरीददार व ब्रोकर ने गिरोह बनाकर बलपूर्वक गैर-वाजिब व गैर-कानूनी तरीके से सुखदेव सिंह द्वारा अपने जमीन के लिए छोड़े गये रास्ते में बंद प्लॉट का रास्ता निकाल रहे थे। जिस पर सुखदेव सिंह के परिजन व अन्य ग्रामीणों ने सख्त विरोध किया। इसके बाद विवाद बढ़कर मामला गोपालपुर थाना पहुंचा तो थाना प्रभारी आलोक कुमार ने तत्काल बंद जमीन से निकाले जा रहे रास्ते के लिए किये जा रहे कार्य को रूकवा कर स्थिति को नियंत्रण में किया और इसकी जानकारी संपतचक अंचल अधिकारी मुकुल कुमार झा को दी गयी।
गोपालपुर थानेदार अलोक कुमार ने बताया कि 21 दिसंबर को गोपालपुर थाने में संपतचक अंचलाधिकारी के समक्ष दोनों पक्ष की बातों को सुना गया, फिर यह निर्णय लिया गया कि सुधीर सिंह द्वारा बंद जमीन पर रास्ता दिखाकर किये गए रजिस्ट्री को खरीददार फिर से संशोधन कर रजिस्ट्री करवाएंगे, जिसमें चौहद्दी में बंद प्लॉट स्पष्ट दर्शाया रहेगा ताकि भविष्य में फिर कोई विवाद न हो। अंचल अधिकारी और थानेदार के समक्ष इस फैसले पर सारे पक्ष ने लिखित सहमति भी दे दिया। वहीं गोपालपुर थानेदार ने लोगों से अपील किया है कि भूमि विवाद को प्राथमिकता के तौर पर सुलझाया जा रहा है। जिनका भी भूमि विवाद का मामला है। दोनों पक्षों को थाने में दस्तावेज के साथ बुलाकर अधिकारियों की मौजूदगी में सुलझाने की कोशिश की जाएगी।

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