साधारण बीमा कंपनियों की एक दिवसीय हड़ताल का बिहार में दिखा व्यापक असर

पटना। निजीकरण के विरोध में बैंकों की देशव्यापी हड़ताल खत्म होने के साथ ही बुधवार से सार्वजनिक क्षेत्र की चार साधारण बीमा कंपनियों ने एक दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल किया। यह हड़ताल पटना सहित बिहार भर में असरदार रही। चारों कंपनियों के बिहार भर में फैले 284 मंडल, क्षेत्रीय व शाखा कार्यालय बंद रहे और कुल 1804 कर्मचारी व अधिकारी हड़ताल पर रहे। दिन भर प्रदर्शन और नारेबाजी का दौर चलता रहा। अनुमान के मुताबिक हड़ताल से बिहार में पांच करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार बाधित हुआ है।
आॅल इंडिया इंश्योरेंस इंप्लाइज एसोसिएशन और बीमा उद्योग की ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर संयुक्त मोर्चा बनाकर कर्मचारी और अधिकारी हड़ताल पर थे। यूनियन के बिहार अध्यक्ष सत्यनारायण प्रसाद ने कहा कि बिहार के साथ ही देश भी भर में हड़ताल सफल रही। सभी कार्यालय बंद रहे। पटना में ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के क्षेत्रीय कार्यालय पर सभा को सीआइटीयू के अरूण मिश्रा और एआइटीयूसी के आर पी ठाकुर ने संबोधित किया। नारेबाजी के बीच बीमा उद्योग के निजीकरण की नीति, बीमा प्रत्यक्ष विदेश निवेश और एलआइसी के आइपीओ पर विरोध दर्ज कराया गया। सत्यनारायण प्रसाद ने कहा कि एलआइसी का विनिवेशीकरण निजीकरण की ओर बढ़ता पहला कदम है। यह एलआइसी के राष्ट्रीयकृत चरित्र का विनाश कर उसके उद्देश्य को प्रभावित करेगा, जिसका खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ेगा। साथ ही अगस्त 2017 से बकाया वेतन पुनरीक्षण, सभी बीमाकर्मी को पेंशन स्कीम 1995 देते हुए एनपीएस को समाप्त करने, पेंशन में अपडेशन और फैमिली पेंशन को बढ़ाकर 30 फीसद करने की मांग की गई।
बता दें आम बजट में सार्वजनिक क्षेत्र की चार साधारण बीमा कंपनियों (दि न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, दि ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड और यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड) में से किसी एक का निजीकरण करने, बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा को 49 से बढ़ाकर 74 फीसद करने तथा भारतीय जीवन बीमा निगम का आइपीओ लाने का प्रस्ताव है। इसी के विरोध में हड़ताल किया गया।

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