राज्यसभा में बोले RCP, महिलाओं के लिए डोर स्टेप तक हो मेडिकल सर्विसेज

पटना। जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह ने मंगलवार को राज्यसभा में गर्भ का चिकित्सकीय समापन (संशोधन) विधेयक 2020, जिसमें गर्भपात की मंजूर समय सीमा 20 सप्ताह से बढ़ाकर 24 सप्ताह करने का प्रावधान है, का समर्थन किया। अपने संबोधन के दौरान उन्होंने कहा कि मानव समाज में जब तक हमारी माताएं, हमारी बेटियां गर्भधारण नहीं करेंगी तब तक मानव का इतिहास आगे नहीं बढ़ सकता। हमारे देश में जब हमारी बेटी, हमारी बहू गर्भधारण करती हैं तो उसको बहुत शुभ माना जाता है और ऐसा समझा जाता है कि हमारी संतति अब आगे बढ़ेगी। लेकिन कई बार कई कारणों से ऐसा होता है कि जो गर्भधारण हुआ है, वो चाहती हैं कि उसका टर्मिनेशन (गर्भपात) हो, इसलिए उस दिशा में ये एक अच्छा कानून है।
श्री सिंह ने अपने संबोधन में आगे कहा कि कानून एक सतत प्रक्रिया है। आगे इसमें और सुधार हो सकता है। लेकिन सबसे बड़ी बात ये है कि टर्मिनेशन (गर्भपात) बिल्कुल सुरक्षित होना चाहिए और मेडिकल सर्विसेज डोर स्टेप तक होना चाहिए। राइट टू लाइफ और राइट टू लिबर्टी महिलाओं का भी है। महिलाएं जब निर्णय लेती हैं तो सरकार और समाज का ये कर्तव्य होता है कि उन सेवाओं को बेहतर ढंग से उन तक पहुंचाया जाये, जिससे हमारी आने वाली संतति सुरक्षित रहे। ऐसा न हो कि संतति के पैदा होने में गर्भवती माता का देहांत हो जाये या हमारे बच्चे शारीरिक रूप से सक्षम न हों। ये समाज के लिए भी और देश के लिए भी अच्छा नहीं होता है। उस दृष्टिकोण से ये एक अच्छा कदम है, अच्छी पहल है और मैं चाहूंगा कि सबलोग इसका समर्थन करें।
श्री सिंह ने आगे कहा कि चूंकि ये महिलाओं से संबंधित मामला है, इसलिए मेडिकल बोर्ड के लोगों को इसमें थोड़ा ज्यादा सेंसेटिव और रिस्पॉन्सिव होना चाहिए। अगर हम संवेदनशील रहेंगे तो निश्चित रूप से कामयाब होंगे।

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