बिहार से कहां गए ये 57 विदेशी नागरिक, पुलिस के लिए बने चुनौती

पटना। कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए बिहार सरकार पूरी चौकसी बरत रही है। लेकिन दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में शामिल हुए तबलीगी जमात के दर्जनों लोगों के बिहार आने के बाद की सूचना से हड़कंप मचा हुआ है। वहीं उन लोगों की तलाश भी तेज कर दी गई है। बताया जाता है कि मरकज में शामिल हुए तबलीगी जमात के करीब 70 लोग बिहार के अलग-अलग मस्जिदों या इससे जुड़े मुसाफिरखाने में रह रहे हैं। इनकी पहचान कर क्वॉरेंटाइन कर कोरोना वायरस की जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है। वहीं बिहार के 86 लोगों के अलावा 57 विदेशी नागरिकों के नाम भी सामने आये हैं। ये विदेशी नागरिक ही पुलिस के लिए बने हुए हैं। इन्हें खोज निकालना पुलिस के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रही है। बता दें कोरोना का संक्रमण फैलने के बाद सूबे की अधिकतर मस्जिदों को बंद कर दिया गया है। साथ ही सामूहिक नमाज अदा नहीं करने की सलाह दी गयी है।
गृह विभाग के उच्चपदस्थ अधिकारी से मिली जानकारी के अनुसार एसटीएस-स्पेशल ब्रांच को चार सूचियां सौंपी गयी हैं। एक सूची 86 बिहारियों की है। दूसरी सूची 57 विदेशियों की है। तीसरी सूची में मॉरीशस के दो लोग हैं, जो मुंबई से मरकज में गये और वहां से बिहार आ गये। चौथी सूची कटिहार के सात लोगों की है। इन सभी को एटीएस और स्पेशल ब्रांच तलाश रही है। कटिहार के सात लोगों का एक समूह भी लापता बताया जा रहा है। यह समूह विदेश से आने के बाद सीधे मरकज में शामिल हुआ था। बिहार आये विदेशियों में 18 ऐसे हैं, जिनके बारे में अब भी यह पता नहीं चल पाया है कि वे बिहार में किस जिले में छिपे हैं। इनकी तलाश के लिए स्थानीय पुलिस और प्रशासन के अलावा एसटीएस, स्पेशल ब्रांच की अलग-अलग टीमों को लगाया गया है।
मुख्य सचिव दीपक कुमार ने बताया कि 162 लोगों के तबलीगी जमात में शामिल होने की सूचना है। इनमें 86 लोगों की जानकारी मिली है। पुलिस और एटीएस को भी उनकी पहचान करने में लगाया गया है। 86 की सूची की पहचान करायी जा रही है। कुछ लोग दिल्ली में क्वारंटाइन में हैं। सूत्रों के मुताबिक बिहार के सभी 86 लोगों की ट्रैकिंग इस वजह से नहीं हो पायी है, क्योंकि इनमें कुछ लोग अभी अपने घर नहीं पहुंचे हैं।

About Post Author

You may have missed