बिहार सरकार के 300 करोड़ के साड़ी-पेटीकोट खरीद टेंडर में घोटाले की आंच, राजेश राठौड़ ने किया उच्च स्तरीय जांच की मांग

पटना। बिहार कांग्रेस के प्रवक्ता राजेश राठौड़ ने बिहार के समाज कल्याण विभाग में 300 करोड़ रुपए के एक निविदा में वित्तीय अनियमितता तथा भ्रष्टाचार का बड़ा आरोप लगाया है। कांग्रेस प्रवक्ता ने बिहार सरकार के समाज कल्याण विभाग के साड़ी-पेटीकोट वितरण योजना की निविदा को संदेह के कटघरे में खड़ा किया है। उन्होंने कहा है कि 300 करोड़ रुपए की यह निविदा पूरी तरह से संदेह के घेरे में है।
उन्होंने खुलासा करते हुए कहा है कि बिहार सरकार के समाज कल्याण विभाग के द्वारा इसी वर्ष 24 जनवरी को राज्य सरकार के समाज कल्याण विभाग के निदेशक ने विभागीय पत्रांक संख्या 02(स्थापना)-68/2020 दिनांक 23.01.2020 के माध्यम से पत्र लिखकर केंद्र सरकार के समाज कल्याण विभाग के निदेशक से महिला एवं बाल संरक्षण योजना के अंतर्गत राज्य महिला एवं बाल संरक्षण समिति, जिला महिला संरक्षण इकाई एवं राज्य सरकार के द्वारा संचालित मुफ्त साड़ी एवं पेटीकोट वितरण के लिए साड़ी तथा पेटीकोट खरीदने की स्वीकृति मांगी गई। उक्त पत्र में बिहार सरकार के समाज कल्याण विभाग के निदेशक ने साड़ी-पेटीकोट की खरीद हेतु तकनीकी सत्यापन के बाद तय किए गए कंपनी संस्कार टेक्स प्रिंट्स प्राइवेट लिमिटेड का उल्लेख किया था।
पत्र में उल्लेखित था कि इस कंपनी को कागजात तथा सैंपल की तकनीकी जांच कर खरीदगी हेतु चयनित किया गया है। पत्र में साड़ी एवं पेटीकोट की संख्या 4,90,2000 बताया गया है। वहीं प्रति साड़ी एवं पेटीकोट खरीद हेतु 612 रूपये का दर भी अंकित है। इस पत्र के लगभग एक माह के बाद भारत सरकार के समाज कल्याण विभाग की निदेशक ने पुन: बिहार सरकार के समाज कल्याण विभाग के निदेशक को 17.02.2020 को पत्र लिखकर खरीद हेतु स्वीकृति प्रदान की, साथ ही साड़ी तथा पेटीकोट की खरीद के लिए 300 करोड़ की राशि भी आवंटित किया।
प्रवक्ता राजेश राठौड़ ने बताया कि इसके बाद अगस्त माह के 28 तारीख को गुजरात की कंपनी संस्कार टेक्स प्रिंट प्रा. लि. को 300 करोड़ के साड़ी तथा पेटीकोट के क्रय आदेश जारी कर दिया गया। उन्होंने कहा कि 300 करोड़ मूल्य के इस निविदा में अग्रधन जमा राशि गुजरात की इस कंपनी से मात्र 6 लाख रुपए ली गई। जबकि आमतौर में किसी निविदा के विरुद्ध निविदा प्राप्त करने वाले कंपनी से कम से कम 2% अग्रधन जमा राशि ली जाती है। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार के अन्य विभागों में अग्रधन जमा राशि के रूप में 2% का प्रावधान है।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि गुजरात के जिस कंपनी को इतना बड़ा कार्य सौंपा गया है। उसका रजिस्ट्रेशन भी 2018 का है। उन्होंने कहा कि मात्र डेढ़ वर्ष पूर्व स्थापित कंपनी को इतनी बड़ा ठेका दिया जाना अपने आप में बड़े घोटाले का संकेत देता है। कांग्रेस प्रवक्ता ने आगे कहा कि अग्रधन जमा राशि के रूप में 300 करोड़ के कार्य के विरुद्ध मात्र 6 लाख की धनराशि भी इस निविदा में वित्तीय अनियमितता के संकेत देते हैं। उन्होंने कहा कि अगस्त माह में आर्डर जारी होने के बावजूद राज्य में साड़ी तथा पेटीकोट का चार माह बाद भी अब तक वितरण नहीं हुआ है। जबकि कार्य आदेश के शर्तों के मुताबिक 90 दिन के अंदर आपूर्ति हो जानी चाहिए थी।
उन्होंने इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। राजेश राठौड़ ने इस पूरे प्रकरण में नीतीश सरकार में व्याप्त बिचौलिए तंत्र की भूमिका पर सवाल खड़ा किया है। उन्होंने कहा कि उच्चस्तरीय जांच हो तो स्पष्ट हो जाएगा कि इस बड़ी डील में बिचौलिया कौन है और उसकी कितनी बड़ी भूमिका है। राठौड़ ने पूरे निविदा प्रकरण पर भ्रष्टाचार तथा अनियमितता का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि नीतीश सरकार में अधिकांश निविदाओं का निपटारा इसी माध्यम से होता है। बाहरी कंपनियों को मुनाफा देने के लिए तथा विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचारी तत्वों को लूटने का छूट देने वाली सरकार इतने बड़े मामले में आंखें बंद कर कैसे बैठी है?

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