बिहार में भारत बंद का मिलाजुला असर, 11 के बजाए 6 बजे सुबह से सड़क पर उतरे बंद समर्थक, लगा महाजाम

पटना। कृषि कानूनों को लेकर बुलाये गए भारत बंद का बिहार के सभी जिलों में मिलाजुला असर रहा। योजना 11 बजे से थी लेकिन सुबह 6 बजे से ही राजनीतिक दल सड़क पर उतर गए। इससे बंदी सुबह 6 बजे से ही प्रभावी हो गई। इसका आम इंसान पर बड़ा असर देखने को मिला। ट्रेन और बसों के साथ आम इंसान से जुड़ी हर सुविधाओं को बाधित करने का प्रयास किया गया, जिससे पूरे प्रदेश में लोगों को काफी परेशानी हुई। बंद का असर सबसे अधिक दरभंगा, सहरसा, मोतिहारी, सीवान, मुजफ्फरपुर, आरा, नालंदा, जहानाबाद जिलों में देखने को मिला। दरभंगा और सहरसा में सुबह ही बंद समर्थकों ने अलग-अलग स्टेशनों पर ट्रेनों को रोक दिया और इंजन के सामने रेल ट्रैक पर बैठकर नारेबाजी की। दरभंगा में दोपहर 2 बजे के बाद ही ट्रेन सेवा बहाल हो सकी।


शहर में बंद का मिलाजुला असर
पटना शहर में दोपहर 2 बजे तक बंद का मिलाजुला असर दिखा। दुकानें अधिकतर बंद रहीं, सड़कों पर ट्रैफिक भी कम ही दिखा। शहर में प्रदर्शन का मुख्य केंद्र डाकबंगला चौराहा रहा, जहां सुबह से ही विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता-कार्यकर्ता आते रहे। पप्पू यादव की जाप, राजद और कांग्रेस के अलावा वाम दलों से जुड़े संगठनों के लोग प्रदर्शन करते रहे। डाकबंगला चौराहा और इनकम टैक्स गोलंबर पर राजद और जाप समर्थकों ने अलग-अलग तरीकों से प्रदर्शन किया। जन अधिकार पार्टी के कार्यकर्ता बंद के समर्थन में सुबह से ही सड़क उतर आए। डाकबंगला चौराहा पर पूर्व सांसद पप्पू यादव अपने समर्थकों के साथ बैठ गए। इस दौरान बंद समर्थकों के द्वारा जदयू-भाजपा के पोस्टर-बैनर फाड़े गए और पीएम मोदी-सीएम नीतीश की तस्वीरों को जलाया गया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों की पुलिस से बहस भी हुई। दोपहर 1 बजे के बाद डाकबंगला चौराहा और आसपास के इलाकों में ट्रैफिक सामान्य हो गया।


पटना में सुबह से विरोध, लगा महाजाम
विरोध प्रदर्शन सुबह से होने के कारण पटना में महाजाम लग गया। खुसरूपुर मोड़ से लेकर फतुहा तक लंबा जाम लग गया। वाहनों की पूरी लाइन लग गई। विरोध कर रहे दलों ने कोई भी गाड़ी आगे नहीं बढ़ने दी। पटना में पहाड़ी से होते हुए गया रूट टोल प्लाजा तक लंबा जाम लग गया। फतुहा के पास फोरलेन पर भी खुसरूपुर मोड़ से करौटा तक जाम लग गया। पटना के एनएच-30 पर राजद समर्थकों ने सब्जियां फेंक कर उत्पात मचाया। जिस कारण पूरा हाइवे जाम हो गया। वहीं हाजीपुर में बंद समर्थकों ने सड़क जाम कर दिया। गांधी सेतु पर गाड़ियों की लंबी कतार लगी हुई। जाम लगने के कारण लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
पीएम-सीएम के पोस्टर-बैनर फाड़े गए
पटना में डाकबंगला चौराहा के आसपास बेली रोड पर लगे भाजपा और जदयू से जुड़े बैनर-पोस्टर फाड़े गए। पीएम मोदी और सीएम नीतीश कुमार की तस्वीरों वाले पोस्टरों को फाड़ते हुए प्रदर्शनकारी हंगामा कर रहे थे। इसी बीच जब पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो हंगामा कर रहे लोग मौके पर मौजूद सिटी मजिस्ट्रेट और पुलिस अधिकारियों से ही उलझ गए।


ट्रेनों को बनाया निशाना
विरोध करने वालों ने सुबह सबसे पहले ट्रेनों को निशाना बनाया। दरभंगा के लहरियासराय स्टेशन पर सुबह कोलकाता-जयनगर गंगासागर एक्सप्रेस को रोक दिया गया। नारेबाजी की गई। इससे यात्रियों को काफी परेशानी हुई। भाकपा माले, सीपीआई के साथ आइसा व अन्य दलों ने एक साथ मिलकर ट्रेनों का परिचालन बाधित किया। नालंदा, सीवान, नवादा, पूर्णिया, शेखपुरा में राजद कार्यकर्ता सुबह ही झंडा बैनर लेकर सड़क पर उतर गए और जमकर विरोध किया। वह राष्ट्रीय राजमार्ग चोरा बागीचा के पास जमकर बवाल किए।
मुंगेर में राजद कार्यकर्ताओं ने टायर जलाकर आगजनी के साथ नारेबाजी की। जिस कारण लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। वहीं बिहारशरीफ में राजद कार्यकर्ताओं ने राजगीर-दिल्ली श्रमजीवी एक्सप्रेस रोक दिया। बिहारशरीफ में बंद के समर्थन में माले कार्यकर्ता सुबह 6 बजे ही सड़क पर उतर गए और विरोध करने लगे। वहीं बेगूसराय के हरहर महादेव चौक को बंद समर्थकों ने जाम कर दिया। सरकार के विरोध में नारेबाजी की।
सहरसा में भी ट्रेनों को रोका, बवाल
सहरसा में भी किसान बिल के विरोध में सुबह से बवाल दिखा। नंदलाली हाल्ट पर सहरसा-सुपौल जाने वाली ट्रेन को रोक दिया गया। भाकपा माले कार्यकर्ताओं ने ट्रेन को रोककर जमकर नारेबाजी की। इससे लोगों को काफी परेशानी हुई। किसानों के नाम पर विरोध में राजनीतिक उबाल हर जगह देखने को मिला। इससे आम लोगों को काफी परेशानी हुई।

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