बिहार में इथेनॉल उत्पादन प्रोत्साहन नीति 2021 लांच, मंत्री बोले- पानी में अनाज के भींग जाने पर किसानों को सिर पकड़ने की जरूरत नहीं

पटना। केंद्रीय बायो फ्यूल नीति 2018 के तहत बिहार में इथेनॉल उत्पादन प्रोत्साहन नीति 2021 लांच कर दी गई है। उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन ने होटल मौर्या में इथेनॉल उत्पादन प्रोत्साहन नीति को लांच करते हुए कहा कि पानी में अनाज के भींग जाने पर अब किसानों को सिर पकड़ने की जरूरत नहीं होगी। उन्होंने कहा कि इससे इथेनॉल बनाया जा सकता है। बिहार में गन्ना, मक्का, टूटे चावल और सड़े हुए अनाज से इथनॉल का उत्पादन किया जा सकेगा। मंत्री शाहनवाज हुसैन के मुताबिक इस नीति के तहत सूबे के 38 जिलों में प्लांट लगाए जाने की योजना है। उनके दावे को मानें तो बिहार इथेनॉल पॉलिसी को लांच करनेवाला बिहार पहला राज्य बन गया है। बिहार में यह नीति 31 मार्च 2025 तक प्रभावी रहेगी।
उद्योगपतियों की अलग राय
वहीं इस पर उद्योगपतियों ने अपनी अलग तरीके से राय दी है। उद्योगपति सत्यजीत सिंह ने कहा कि इस नीति से इथेनॉल उद्योग को विकसित कर पाना मुश्किल है। बिहार में जमीन की कीमत प्रति एकड़ 2 करोड़ है। एक एथनॉल प्रोजेक्ट लगाने के लिए कम से कम 25 एकड़ जमीन चाहिए। इस तरह केवल जमीन की कीमत 50 करोड़ हो गई, इसके बाद लागत 50 करोड़। इस तरह एक इथनॉल प्रोजेक्ट के लिए कम से कम 100 करोड़ की लागत लगानी होगी, जिस पर सरकार 5 करोड़ अनुदान देगी, जबकि यूपी में 100 करोड़ पर 20 करोड़ का अनुदान मिलेगा। कच्चा माल से लेकर मार्केटिंग के मामले में यूपी में काम आसान है। ऐसे में बिहार के लिए यूपी सबसे बड़ी चुनौती है और इसका सामना हम तभी कर सकते हैं जब हम उत्तर प्रदेश से बेहतर स्थितियां बिहार में निवेशकों के लिए दिखाएं।
प्रोत्साहन नीति की शर्तें
उद्योग विभाग की तरफ से इसके लिए कई शर्तें रखी गई हैं, जिनमें शामिल है कि पहले से जारी इथेनॉल प्रोजेक्ट को इस नीति का फायदा नहीं मिलेगा। उद्योग विभाग उन्हीं प्रोजेक्ट का अनुदान स्वीकृत करेगा, जो केवल इथेनॉल का उत्पादन करेंगे।

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