बजट सत्र का 17वां दिन : विधानसभा में मंत्री ने दिखाया मुक्का तो तेजस्वी बोले- फिर कहूंगा, सर्पदंश पर मुआवजे को लेकर विभागों में असमंजस
पटना। बिहार विधानमंडल के बजट सत्र का मंगलवार को 17वां दिन था। विधानसभा कार्यवाही की पहली पाली में अध्यक्ष विजय सिन्हा फिर भड़क गए। उन्होंने वाम दल के विधायक मनोज मंजिल को चेतावनी देते हुए कहा कि आप इस तरह की बात करेंगे तो सदन से बाहर करवा देंगे। दरअसल, मनोज मंजिल कार्यवाही के दौरान बीच में टोका-टोकी कर रहे थे। विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा ने यह भी कहा कि कुछ दिन से सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्य आसन पर भेदभाव करने का आरोप लगा रहे हैं। आसन पूरी तरह से निष्पक्ष होकर काम कर रहा है। सदस्यों के आचरण को जनता देख रही है, इस तरह का व्यावहार आपके आचरण को दिखाता है। कोई भी आसन पर दबाव या प्रेशर नहीं बना सकता है। यह जीवन नश्वर है, सबको जाना है, अपने व्यवहार को कुशल रखिए। इससे पहले विधानसभा में कोरोना के दौरान प्राइवेट स्कूलों की ओर से फीस वसूलने का मामला उठा। राजद विधायक भाई वीरेंद्र ने इसे उठाते हुए कहा कि प्राइवेट स्कूल मनमानी कर रहे हैं। इससे अभिभावकों को परेशानी हो रही है।
मंत्री प्रमोद कुमार पर मुक्का दिखाने का लगा आरोप
विधानसभा की दूसरी पाली की कार्यवाही के दौरान मंत्री प्रमोद कुमार पर सदन में मुक्का दिखाने का आरोप लगा। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि इसी वजह से कहता हूं कि कैसे-कैसे लोग मंत्री बन गए हैं। विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा ने मंत्री से सफाई मांग ली। जवाब में प्रमोद कुमार ने कहा कि हम तो मुकेश सहनी को बता रहे थे कि छुरा घोंपने का काम कैसे किया गया। उधर, पशु एवं मत्स्य मंत्री मुकेश सहनी ने कहा कि सांड लाल कपड़ा देख कर भड़क जाता है और तेजस्वी मुझे देखकर पता नहीं क्यों भड़क उठते हैं।
क्या बोले तेजस्वी यादव
वहीं, गृह विभाग के बजट पर चर्चा करते हुए नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार में कानून व्यवस्था और शराबबंदी पूरी तरह से फेल है। यहां लॉ एंड आर्डर बिल्कुल नहीं है। इसके लिए सीएम नीतीश कुमार जिम्मेदार हैं। पुलिस की नजर सिर्फ शराब और उससे अवैध कमाई पर है।
सर्पदंश पर मुआवजे को लेकर विभागों में असमंजस
विधायक पवन जायसवाल ने सर्पदंश से मौत पर मुआवजा नहीं मिलने का सवाल उठाया। जवाब देते हुए वन एवं पर्यावरण मंत्री नीरज सिंह ने कहा कि यह मेरे विभाग का मामला नहीं है। आपदा विभाग इसका निदान करेंगे। वहीं आपदा मंत्री रेणु देवी ने कहा कि यह वन विभाग का मामला नहीं है। इसके बाद विधायक पवन जायसवाल ने कहा कि पूर्व वन एवं पर्यावरण मंत्री सुशील मोदी ने 5 लाख देने को कहा था। इस पर नंदकिशोर यादव ने कहा कि यह मामला वन एवं पर्यावरण विभाग का ही है। जानकारी ले लेनी चाहिए।
बीच में भाजपा विधायक संजय सरावगी ने बोलते हुए बताया कि दो साल पहले भी यह सवाल पूछा गया था। लेकिन अधिकारी मंत्री को गुमराह कर रहे हैं। इसकी जांच कराई जाए। सदन में पूर्व मंत्री सुशील मोदी ने भी कहा था कि जो आवेदन करेगा, उसे 5 लाख का अनुदान दिया जाएगा। लेकिन अधिकारी दोनों विभाग को गुमराह कर रहे हैं। यह गंभीर मामला है। इस पर विपक्ष ने भी सत्ता पक्ष पर निशाना साधा। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि आपदा विभाग और वन विभाग मिलकर इस मामले को सुलझाए।
मंत्री के बेटे पर सवाल तो हुआ हंगामा
भाजपा विधायक संजय सरावगी ने शराबबंदी को प्रभावी बनाने के लिए बॉर्डर पर जांच, बैरियर और एक्स रे मशीन लगाने की मांग की। इसका जवाब देते हुए मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि चेक पोस्टों पर ट्रकों की संख्या काफी होती है, यह मुमकिन नहीं है कि उन ट्रकों की जांच हो। कई जगह पर सीसीटीवी लगाया गया है। वहीं राजद विधायक ललित यादव ने सदन में पीएचईडी मंत्री रामप्रीत पासवान के बेटे का मामला उठाया तो विधानसभा अध्यक्ष ने टोकते हुए कहा कि पहले आसन को लिखित में देंगे और आसन की अनुमति होगी, इसके बाद ही आप उसे उठा सकते हैं। सदन में नियम से सवाल आएगा। विपक्ष के आरोपों को नहीं सुनने के बाद विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। विपक्ष की नारेबाजी पर अध्यक्ष ने कहा कि बिना नियम के कोई बात सदन में उठेगा तो उसे प्रोसिडिंग का पार्ट नहीं माना जाएगा। इसके बाद विपक्ष वेल में पहुंच हंगामा करने लगा।
मंत्री के बेटे पर क्या है आरोप
मंत्री रामप्रीत पासवान के बेटे दीपक कल्याण नल जल योजना की जांच दल में शामिल थे। उन्होंने पूर्णिया जिले के रुपौली प्रखंड के कई पंचायतों में नल-जल योजना का निरीक्षण किया। इसी को लेकर विधानसभा और विधान परिषद में जमकर हंगामा हुआ। विधान परिषद में कांग्रेस के एमएलसी प्रेमचंद्र मिश्रा ने सवाल उठाया। इसके बाद विपक्ष के विधायक नारेबाजी करते हुए वेल में पहुंच गए। वहीं, इस मामले पर बोलते हुए मंत्री रामप्रीत पासवान ने कहा कि मेरा बेटा ड्राइवर बन कर गाड़ी चलाने गया था, जांच दल में शामिल नहीं था।