फुलवारी सीट : कोई कह रहा तीर वाला बनेगा वीर तो कोई कह रहा तीन तारा के चक्रव्यूह में फंस गया तीर
फुलवारी शरीफ (अजीत)। बिहार के दूसरे चरण की मतदान समाप्ति के साथ ही पटना जिले के सभी विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव खत्म हो चुका है तो ऐसे में अब मतदाताओं को अपने मतों के चमत्कार के दिन का बेसब्री से इंतेजार है। फुलवारी सुरक्षित सीट पर मतदान के बाद अब गांव-टोले से लेकर शहरी इलाके में चाय दुकानों से लेकर नुक्कड़ों पर लोगों के बीच चुनाव परिणाम को लेकर चर्चा जोरों पर शुरू हो गई। हर राजनीतिक दल के समर्थक चुनाव खत्म होते ही अंक गणितीय प्रणाली से अपने-अपने प्रत्याशी के पक्ष में हुए मतदान की जोड़-घटाव करना शुरू कर दिये हैं। चाय के दुकान में हो रहे चर्चा सहित लोगों को आजकल घर देर से पहुंचने पर बीबीयों से खड़ी खोटी भी सुनने को मिल रही है, लेकिन उसकी फिक्र किसी को नहीं। आखिर सरकार बदलने की चर्चा है भाई, इसमें चाहे कुछ भी सहना पड़ जाए कोई बात नहीं। कई जगहों पर मारामारी की नौबत आ जा रही है। जहां दूसरे लोग मामले को संभालते हैं। ऐसे अब 10 नवंबर को ही पता चल पाएगा कि जीत तीर वाले उम्मीदवार की होगी या तीर तीन तारा के चक्रव्यूह में फंसेगा।
कड़ोरीचक के नीतीश कुमार दांगी, प्रफुल्ल चन्द्रा बिहार में विकास की रफ्तार बनाये रखने के लिए नीतीश कुमार के बूते अरुण मांझी को भारी बहुमत से जितने की बात करते हैं। विकास के लिए एनडीए प्रत्याशी को ही उपयुक्त बताते हैं तो वहीं महागठबंधन समर्थक जानीपुर के कोरियावां निवासी राम लाल, परसा के लाल बहादुर, टड़वा गांव निवासी उप प्रमुख धनंजय कुमार, परसा पंचायत के पूर्व मुखिया पिंटू यादव, संगी मस्जिद के मो. तनवीर, कर्बला निवासी मो. अफरोज महागठबंधन से माले उम्मीदवार गोपाल रविदास के जीत का दावा करते हैं। शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र के चौक-चौराहे व नुक्कड़ पर एनडीए व महागठबंधन के समर्थक अपने-अपने प्रत्याशी के पक्ष में जीत के दावे पेश कर रहे हैं। एनडीए समर्थक जहां जदयू प्रत्याशी अरुण मांझी के जीत के दावे करते फिर रहे हैं तो महागठबंधन वाले माले के गोपाल रविदास के विजयी होने का दंभ भरते नजर आ रहे हैं। कहीं खेत खलिहान में पार्टी चल चल रही है तो कहीं मिठाइयां मंगवाकर बांटने का दौर भी चल रहा है।