पप्पू यादव होंगे मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार : पीडीए

पटना। बिहार चुनाव में हर बार की तरह इस बार भी तकरीबन सभी पार्टियां अपने-अपने पार्टी के नेता को सीधे मुख्यमंत्री के तौर पर प्रोजेक्ट की है। लेकिन बिहार की राजनीति में जाने-माने नाम उपेन्द्र कुशवाहा के मुख्यमंत्री पद के दावेदार के रूप में पेश करने के बाद अब पीडीए ने जापलो प्रमुख पप्पू यादव को मुख्यमंत्री का दावेदार बता दिया है। हालांकि बिहार में ऐसी कई पार्टियां हैं, जो चुनाव में दिखती तो है और चुनाव के बाद कहां चली जाती है, जिसका कोई टोह नहीं लगता।
बुधवार को प्रगतिशील लोकतांत्रिक गठबंधन (पीडीए) में शामिल एसडीपीआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष एमके फैजी, आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद और अन्य घटक दलों के नेताओं ने एक संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में जन अधिकार पार्टी (लो) के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव को पीडीए के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार की घोषणा की है। संवाददाता सम्मेलन में चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि पप्पू यादव के नेतृत्व में पीडीए बिहार में परिवर्तन की शुरूआत कर रहा है। उन्होंने कहा कि इनके मुख्यमंत्री बनने से बिहार में दलितों-मुसलमानों और अन्य कमजोर वर्गों के लोगों को सुरक्षा मिलेगी। उन्होंने आरोप लगाया कि बिहार में कमजोर वर्ग असुरक्षा में जी रहा है।
जाप अध्यक्ष और सीएम के लिए नामित पप्पू यादव ने पीडीए का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सुरक्षित और मुस्कुराता बिहार उनकी प्राथमिकता होगी। उन्होंने इसके लिए पीडीए को समर्थन देने की अपील की। उन्होंने कहा कि मां-बहन-बेटी को सुरक्षा देना पीडीए के प्रतिज्ञा पत्र में पहले स्थान पर है।
पप्पू यादव ने वादा किया कि उनके मुख्यमंत्री बनने के बाद अगर बिहार से पलायन नहीं रुका तो वे इस्तीफा दे देंगे। उन्होंने बिहार में बेहतरीन अस्पताल और स्कूल बनवाने का भी वादा किया। उन्होंने कहा कि फूड प्रोसेसिंग, शाहाबाद के धान, सीमांचल-मिथिला के माछ-मखान और मगध के पान से बिहार की जिंदगी बदल सकते हैं। साथ ही उन्होंने केला-लीची और जूट-गन्ना की खेती और इसपर आधारित उद्योग को बढ़ावा देने की बात भी कही।
पप्पू ने आरोप लगाया कि पिछले 30 सालों में दोनों भाइयों ने बिहार के किसानों की जिंदगी बर्बाद कर दी। बाजार समिति खत्म कर दी गयी। उन्होंने कहा कि यदि सरकार बनी तो इसे बहाल किया जाएगा और हर अनुमंडल में कोल्ड स्टोरेज खोला जाएगा। उन्होंने बिहार में प्रति व्यक्ति कम आय के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जिममेदार ठहराया।

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