लालू-नीतीश का वार-पलटवार : लालू ने नियोजित शिक्षकों के मुद्दे पर घेरा तो नीतीश ने राजद परिवार पर निशाना साधा

पटना। बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर राजद-जदयू के बीच सियासी वार-पलटवार का दौर तेज हो गया है। जहां एक ओर राजद सुप्रीमो लालू यादव ने नियोजित शिक्षकों के मुद्दे पर एलान करते हुए ट्वीट कर कहा है कि महागठबंधन की सरकार आने पर शिक्षकों की समान काम के लिए समान वेतन लागू किया जाएगा। वहीं लालू यादव ने अपने ट्वीट में नीतीश सरकार पर भी हमला बोला। उन्होंने बिहार सरकार से सवाल पूछा कि नियोजित शिक्षकों को समान काम पर समान वेतन क्यों नहीं दिया? हक मांगने पर शिक्षकों पर लाठी क्यों बरसाई?
तो दूसरी ओर बिहार के मुख्यमंत्री सह जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने मोकामा में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद और उनके परिवार के अन्य सदस्यों पर जमकर निशाना साधा। नीतीश कुमार ने कहा कि हम बिहार की संपत्ति बढ़ा रहे हैं, जबकि कुछ लोग अपनी संपत्ति बढ़ाने का काम करते हैं। सीएम नीतीश ने अपने संबोधन के दौरान कहा कि हमारी भावना न्याय के साथ विकास की रही है। हर क्षेत्र का हर तबके का विकास करना हमारी सरकार की प्रथमिकता रही है। महिला, अल्पसंख्यक, युवा, अतिपिछड़ा हर किसी के विकास के लिए हमने काम किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मोकामा के लोगों को हम कैसे भूल सकते हैं। यहीं के लोगों ने तो हमें संसद में जाने का मौका दिया। अगर यहां के लोग हमको सांसद नहीं बनाते तो आज बिहार और यहां से बाहर के लोग मुझे कभी नहीं जानते। यहां के लोगों से मेरा अलग रिश्ता है। नीतीश कुमार ने कहा कि हमारा काम देखकर बहुत लोगों को परेशानी होती है। वो लोग कुछ न कुछ उल्टा-पुल्टा करते रहते हैं, लेकिन ये भूल जाते हैं कि उन पति-पत्नी के कार्यकाल में क्या हाल था? सीएम ने कहा कि चूकना नहीं है, सजग रहना है सचेत रहना है, किसी के बहकावे में नहीं आना है। सीएम ने कहा कि इसी मोकामा में एक आठ-नौ साल के बच्चे ने मुझसे पूछा था, हम नय पढ़वय? आज हर ग्राम, हर पंचायत में स्कूल खुलवा दिया गया है। अनेक योजनाओं के तहत हर वर्ग के बच्चों को स्कूल तक पहुंचाया गया है। उन्होंने कहा कि जंगलराज खत्म कर कानून का राज स्थापित किया है। 12 करोड़ आबादी का राज्य बिहार आज अपराध में 23वें नंबर पर हैं।

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