नीतीश कैबिनेट में अगड़ी जातियों का रहेगा दबदबा, होंगे 13 नए मंत्री !

पटना। बिहार में नीतीश सरकार के गठन की कवायद तेज है। रविवार को जदयू-भाजपा की बैठक का सिलसिला दिनभर जारी रहा। एनडीए की बैठक में कार्यकारी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को नेता चुन लिया गया। नीतीश कुमार सोमवार को सातवीं बार सीएम पद की शपथ लेने के बाद पुन: बिहार की बागडोर संभालेंगे। इसी के साथ नीतीश कैबिनेट में किसे जगह मिलेगी और किसे नहीं, इस पर भी चर्चा तेज हो गई है। सूत्रों के मुताबिक, नीतीश कुमार के साथ सोमवार को 8 पुराने मंत्रियों के भी शपथ लेने की संभावना है। नई सरकार में जदयू के 7 और भाजपा के 6 पुराने मंत्रियों के अलावा 10 नए मंत्रियों का रहना भी तय है, भले ही वह कल शपथ लें या 20 नवंबर के पहले संभावित अगले विस्तार में। नीतीश की पिछली सरकार के मंत्री अनुपात के हिसाब से जदयू को 10 और भाजपा को 16-17 मंत्री देना चाहिए, लेकिन 125 विधायकों के बीच 36 विभागों को बांटने पर 3.47 विधायक पर एक मंत्री पद देने की स्थिति है और उस हिसाब से भाजपा 21 और जदयू 13 मंत्री पद का दावा कर सकता है।
जदयू से सुनील-शालिनी तय, संजय-लेसी में से एक
भारतीय पुलिस सेवा से रिटायर होने के बाद सीधे जदयू में इंट्री करने वाले सुनील कुमार पिछड़ी जाति से हैं और नई सरकार में इन्हें मंत्रालय मिलना तय माना जा रहा है। वहीं शालिनी मिश्रा को उनके पारिवारिक प्रभाव को लेकर मौका मिलने की संभावना है। जदयू के प्रवक्ता संजय सिंह का नाम भी इस बार मंत्री सूची में है, हालांकि अभी उनका एमएलसी नहीं होना उन्हें मंत्री पद मिलने से रोक सकता है। जबकि उन्हीं की जाति से आने वाली लेसी सिंह ऐसे में बाजी मार सकती हैं। लेसी पहले भी नीतीश सरकार में मंत्री रह चुकी हैं। वहीं जदयू के मंत्री कृष्णनंदन वर्मा, शैलेश कुमार और रामसेवक सिंह की हार से खाली हुई जगह पर इनकी जाति के किसी विधायक को मौका दिया जा सकता है।
भाजपा को इस बार मंत्री पद ज्यादा मिलना तय
74 सीट लाकर एनडीए से सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी भाजपा को इस बार मंत्री पद ज्यादा मिलना तय है। भाजपा विधानमंडल दल के नेता बने कटिहार विधायक तार किशोर प्रसाद और विधायक दल की उप नेता बनीं रेणु देवी का नाम पक्का है। जदयू कोटे से नीतीश सरकार में मंत्री का अनुभव रखने वाले नीतीश मिश्रा का नाम भी तय माना जा रहा है। चुनाव से लेकर भाजपा के मंचों पर समन्वय में आगे दिखे सम्राट चौधरी भी मंत्री बन सकते हैं। इसके अलावा पहली बार जीतकर आईं शूटिंग चैंपियन व दिग्विजय सिंह की बेटी श्रेयसी सिंह के निशाने पर भी मंत्री पद है, हालांकि अनुभवी अमरेंद्र प्रताप सिंह को मौका मिलने की स्थिति में उनका नाम कट सकता है। मामला नितिन नवीन और संजय मयूख को लेकर फंस रहा है। भूमिहार कोटे से इस बार भाजपा बेगूसराय के रजनीश कुमार को मौका दे सकती है। इसके अलावा आदिवासी कोटे से निकी हेम्ब्रम को भी भाजपा मंत्री बना सकती है।
मांझी के बेटे और सहनी का नाम पक्का
पूर्व मुख्यमंत्री और हम के अध्यक्ष जीतन राम मांझी उप मुख्यमंत्री बनने की संभावना नहीं देख किसी और उम्मीद में बैठते हुए फिलहाल अपने बेटे संतोष मांझी का नाम मंत्री पद के लिए आगे बढ़ाने जा रहे हैं। दूसरी तरफ अपनी सीट गंवाने के बावजूद चार विधायकों वाले वीआईपी के अध्यक्ष मुकेश सहनी एमएलसी कोटा लेकर मंत्री पद खुद हासिल करें तो आश्चर्य नहीं होगा। दोनों ही नेता दो-दो मंत्री पद के लिए प्रयासरत हैं, लेकिन इसकी संभावना कम नजर आ रही है।

About Post Author

You may have missed