चुनाव सिर पर है तो अमित शाह को प्रवासी श्रमिकों के पसीने से खुशबू महसूस हो रही : राजेश राठौड़

पटना। बिहार कांग्रेस पार्टी ने गृह मंत्री अमित शाह के वर्चुअल रैली के दौरान श्रमिकों के पसीने से खुशबू संबंधित बयान पर कड़ा निशाना साधा है। कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौड़ ने कहा है कि अब जब चुनाव सिर पर है तो भाजपा के अमित शाह को प्रवासी श्रमिकों के पसीने से खुशबू महसूस हो रही है। जबकि कोरोना महा आपदा के शुरूआती दौर में राष्ट्रव्यापी लॉक डाउन लगने के उपरांत गुजरात में जब यही बिहारी श्रमिक भोजन के अभाव में सड़कों पर निकलने को विवश थे तो गुजरात की पुलिस उन पर लाठियां बरसा रही थी। अपने खून पसीने से गुजरात को सींच कर विकसित बनाने वाले बिहारी श्रमिकों के प्रति उस समय ना तो पीएम मोदी का कलेजा पसीजा और ना ही गृह मंत्री को इनका खून पसीना नजर आया। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा है कि गृह मंत्री अमित शाह रविवार को बिहार के प्रवासी श्रमिकों का मजाक उड़ा रहे थे। कोरोना काल में सर्वाधिक पीड़ित वर्ग बिहारी श्रमिकों का इस कदर मजाक उड़ाना आसन्न विधानसभा चुनाव में भाजपा-जदयू को बहुत महंगा पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि सर्वविदित है कि 15 वर्षों से नरेंद्र मोदी के हाथ में गुजरात सरकार की कमान थी और आज देश का कमान उन्हीं के हाथों में है। प्रधानमंत्री तथा गृह मंत्री दोनों ही गुजरात के हैं। क्या वह इससे इंकार कर सकते हैं कि किस कदर लॉक डाउन के दौरान गुजरात से प्रवासी श्रमिकों को खदेड़ा गया। उनकी सरकारें तब उन प्रवासी श्रमिकों के लिए दो वक्त की रोटी भी उपलब्ध नहीं करा सकी। आज जीवन से लड़ते मृत्यु को चूमते बिहार पहुंचे प्रवासी श्रमिकों के पसीने से अमित शाह को खुशबू महसूस हो रही है। राठौड़ ने कहा कि यह खुशबू सिर्फ चुनाव के वक्त ही उन्हें महसूस होती है। जहां-जहां चुनाव होता है वहां-वहां अमित शाह की सहानुभूति जगती है। राठौड़ ने कहा कि कोरोना काल के दौरान प्रवासी श्रमिकों पर हुए सरकारी जुल्मों सितम के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा गृह मंत्री अमित शाह को माफी मांगनी चाहिए। क्योंकि केंद्र एवं गुजरात दोनों जगह नरेन्द्र मोदी की सरकार है।

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