कोरोना के तीसरे फेज में पहुंचने की आशंका गहराई, आइसीएमआर जारी करेगी गाइडलाइंस

CENTRAL DESK : भारत में कुछ इलाकों में कोरोना के कम्युनिटी ट्रांसमिशन यानी फेज तीन में पहुंचने की आशंका गहरा गई है। खासकर, तब्लीगी जमात के लोगों के बड़े पैमाने पर देश के कई इलाकों में फैलने और कोरोना के नए मरीजों के सामने आने के बाद सरकार रोकथाम के लिए नई रणनीति अपनाने पर विचार कर रही है। इसके तहत बड़ी संख्या में कोरोना के मरीजों वाले हॉटस्पॉट में लोगों का बड़ी संख्या में कोरोना का टेस्ट शुरू किया जा सकता है। इसके लिए शुक्रवार को आइसीएमआर नई गाइडलाइंस जारी करेगी।
नई रणनीति के तहत सरकार कम्युनिटी ट्रांसमिशन की आशंका वाले इलाके में वहां घर-घर जाकर लोगों से संपर्क किया जाएगा। इन इलाकों में कोरोना के लक्षण वाले लोगों की जांच के साथ-साथ बड़े पैमाने पर आम लोगों के सैंपल की भी जांच की सकती है। ताकि यह पता लगाया जा सके कि वहां कोरोना का वायरस कितना फैला है। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि नई परिस्थिति को देखते हुए कोरोना वायरस के टेस्ट के दिशानिदेर्शों को बदलने की तैयार की जा रही है।
आइसीएमआर के दिशानिर्देशों के मुताबिक अभी तक केवल कोरोना लक्षण उभरने पर ही मरीजों की जांच की अनुमति थी, लेकिन अब इसमें ढील दी जा सकती है। आइसीएमआर नए दिशानिर्देश को तैयार करने में जुटा है, जिसमें यह बताया जाएगा कि कौन-कौन से लोगों का कोरोना टेस्ट किया जा सकता है। आइसीएमआर के डाक्टर रमन गंगाखेड़कर ने कहा कि शुक्रवार को नए दिशानिर्देश जारी कर दिये जाएंगे।
कम्युनिटी ट्रांसमिशन फेज में पहुंचने के पहले ही भारत में लागू किया गया लॉकडाउन
बता दें अनजाने में लोगों तक कोरोना के वायरस पहुंचने के इस फेज को कम्युनिटी ट्रांसमिशन का फेज कहा जाता है। इसके बाद वायरस महामारी का रूप धारण कर लेता है। जैसा कि इटली, स्पेन, अमेरिका समेत दुनिया के कई देशों में हो चुका है। जिसके बाद इन देशों को मजबूरी में लॉकडाउन लागू करना पड़ा। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि भारत के लिए अच्छी बात है कि कम्युनिटी ट्रांसमिशन के फेज में पहुंचने के पहले ही यहां लॉकडाउन लागू कर दिया गया था। इसीलिए कोरोना वायरस के हॉटस्पॉट वाले इलाके तक सीमित रखने में मदद मिलेगी। लेकिन आशंका बढ़ गई है।

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