कैंसर का पहले स्टेज में पता लग जाने पर 80% बचने की संभावना : डॉ. अरविंद

  • कैंसर जागरूकता एवं मध निषेध प्रशिक्षण शिविर में सैकड़ों ग्रामीण व चिकित्सक हुए शामिल

पटना। बुद्धा कैंसर सेंटर सह जन जीवक कल्याण संघ के तत्वावधान में कैंसर जागरूकता सह मध निषेध अभियान का एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन रविवार को बख्तियारपुर के रूबी मैरेज हॉल में किया गया। प्रशिक्षण शिविर का उद्धघाटन बुद्धा कैंसर सेंटर के वरिष्ठ चिकित्सक व प्रसिद्ध कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. अरविंद कुमार ने किया। इस अवसर पर कार्यक्रम आयोजक महेंद्र प्रसाद, डॉ. रविन्द्र कुमार शर्मा, डॉ. रविन्द्र ठाकुर, डॉ. मो. गुलाम शब्बीर आलम, डॉ. कौशलेंद्र कुमार, डॉ. परवेज अख्तर, रंजीत कुमार विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुए।
इस सेमिनार में बुद्धा कैंसर सेंटर, पटना के वरिष्ठ चिकित्सक व प्रसिद्ध कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. अरविंद कुमार ने ग्रामीण चिकित्सकों को कैंसर पीड़ितों के शुरूआती दौर के कैंसर को कैसे पकड़ें, उस पर उन्हें जागरूक किया और उन्हें प्रशिक्षित किया। सेमिनार को संबोधित करते हुए डॉ. अरविंद ने बताया कि बिहार में ग्रामीण स्वास्थ्य को बेहतर करने की आवश्यकता है, जिसके लिए ग्रामीण चिकित्सकों का जागरूक होना बहुत जरुरी है।
कार्यक्रम में उन्होंने 80-20 के फार्मूला के अनुसार उपस्थित चिकित्सकों को समझाने का प्रयास किया कि अगर कैंसर का पहले स्टेज में पता लग जाता है तो 80 प्रतिशत बचने की संभावना रहती है जबकि तीसरे और चौथे स्टेज में 20 प्रतिशत बचने की संभावना रहती है। उन्होंने कहा कि बिहार में कैंसर के मरीज अधिकतर एडवांस स्टेज (चौथे स्टेज) में इलाज के लिए पहुंचते हैं, जिसमें उनके बचने की संभावना कम होती है। उन्होंने कहा कि ज्यादातर मरीज ग्रामीण क्षेत्र से इलाज के लिए पटना आते हैं या बिहार से बाहर जाते हैं। मगर ग्रामीण चिकित्सकों को मरीज के कैंसर के शुरूआती दौर का शक हो तो वो उन्हें हायर सेंटर भेज सकते हैं। ऐसे में मरीज का कैंसर जड़ से खत्म किया जा सकता है। डॉ. अरविंद ने सेमिनार में कैंसर से संबंधित जानकारियों को विस्तारपूर्वक बताया।
प्रशिक्षण के बाद ग्रामीण चिकित्सकों को बुद्धा कैंसर सेंटर, पटना द्वारा बेसिक ट्रेनिंग सर्टिफिकेट भी दिया गया। वहीं जनजीवक कल्याण संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. रविन्द्र कुमार शर्मा ने बताया कि इस सेमिनार में बख्तियारपुर के ग्रामीण चिकित्सकों सहित पटना के भी चिकित्सक शामिल हुए।

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