अरूणाचल सियासी कांड की आग से धधक सकती है बिहार की राजनीति, राजद ने उछाला सिक्का

पटना। अरूणाचल सियासी कांड की आग कभी भी बिहार की राजनीति को धधका सकती है। हालांकि भाजपा-जदयू के नेता कह रहे हैं कि अरूणाचल प्रदेश की राजनीति का असर बिहार में नहीं पड़ेगा। सूत्रों की माने तो भाजपा दोस्त बनकर जिस तरह से जदयू के पीठ में उसके ही ‘तीर’ से प्रहार किया है, उसे लेकर अंदरखाने में भूचाल मची हुई है। जदयू के नेता इस बात को पचा नहीं पा रहे हैं कि कहीं ऐसा भी दोस्त होता है। जो ‘मुंह में राम और बगल में छुरी’ वाली कहावत को चरितार्थ कर रही है। यहीं कारण है कि नीतीश कुमार अब सतर्क हो गए हैं और बदले की कार्रवाई करते हुए फैसला ले लिया कि जदयू अन्य राज्यों में अपने बलबूते चुनाव लड़ेगी। नीतीश ने यह भी कह दिया कि वे नहीं चाहते थे कि मुख्यमंत्री बनें, लेकिन सहयोगी दल के कहने पर उन्होंने यह जिम्मेदारी संभाली।
खैर, इस बीच बिहार में एनडीए सरकार के दो घटक दल भाजपा और जदयू के बीच चल रहे तकरार का फायदा उठाने के लिए राजद-कांग्रेस ने जदयू की ओर सिक्का उछाला है। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और राजद के वरिष्ठ नेता उदय नारायण चौधरी ने रांची में कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अगर तेजस्वी यादव को समर्थन देकर मुख्यमंत्री बना दें तो विपक्ष उन्हें 2024 में प्रधानमंत्री पद के लिए समर्थन दे सकती है। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि भाजपा की ओर से की जा रही फजीहत के बाद नीतीश कुमार को इस्तीफा दे देना चाहिए। वे पहले निर्णय लेते थे, अब नहीं ले पा रहे हैं। अरुणाचल में जदयू के 6 विधायकों को भाजपा ने खुद में शामिल करा लिया। इसके बाद भी वो कुछ नहीं कर रहे हैं, नीतीश कुमार की अंतरात्मा जागेगी तो खुद ही छोड़ेंगे। उधर छोड़ेंगे तभी इधर से कुछ बात बन सकती है।

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