अरुणाचल प्रदेश पर सियासी बावेला : बिहार में जदयू-भाजपा आए आमने-सामने

पटना। नीतीश कुमार की जदयू ने अरुणाचल प्रदेश में सात विधानसभा सीटें जीत सबको अचरज में डाल दिया था। लेकिन, अब उसकी सहयोगी भाजपा ने छह विधायकों को तोड़कर सीएम नीतीश को चौंका दिया है। इसे लेकर बिहार एनडीए के घटक दल भाजपा-जदयू के बीच राजनीति तेज होती दिख रही है। आज बिहार में जिस तरह के राजनीति हालात बने उसे कहीं से अच्छा नहीं कहा जा सकता है। जदयू के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश में स्पष्ट बहुमत था, इसके बावजूद जदयू के विधायकों को भाजपा में शामिल कराना बिल्कुल अच्छा व्यवहार नहीं है। तो इस पर भाजपा प्रवक्ता प्रेमरंजन पटेल ने पलटवार करते हुए कहा कि अपने विधायकों को संभाल नहीं सकते, तो इसमें हमारा कोई दोष नहीं। दोनों दलों की ओर से जारी बयनबाजी बिहार के राजनीति में आने वाले भयंकर तूफान की आहट तो नहीं है।
शनिवार से पटना में जदयू की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक शुरू हो गई। राष्ट्रीय अध्यक्ष व बिहार के सीएम नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई बैठक में जदयू के 25 नेता शामिल हुए। दो दिनों तक चलने वाले बैठक में देश भर के जदयू नेताओं को जुटान होगा। राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक से पहले अरुणाचल प्रदेश में सियासी उठापटक को लेकर जदयू के प्रधान महासचिव केसी त्यागी ने कहा कि एक मित्रवत पार्टी सहयोगी का अमित्रता पूर्ण व्यवहार है। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा के पास अरुणाचल प्रदेश में स्पष्ट बहुमत था, इसके बावजूद जदयू के विधायकों को शामिल कराया गया। यह बिल्कुल अच्छा व्यवहार नहीं है। त्यागी ने यह भी कहा कि बिहार में ब्रांड नीतीश एक स्टेबलिश फैक्टर हैं, उनका मत प्रतिशत कम नहीं हुआ है। सीएम नीतीश की लोकप्रियता में कोई कमी नहीं हुई है। जनता के बीच उनकी साख बनी हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि संख्या बल के नहीं साख के नेता हैं नीतीश कुमार। इसको समाप्त ही नहीं होने देंगे। वहीं जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने अरुणाचल मामले पर बोलने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा, पहले जानेंगे कि वहां की क्या परिस्थिति है, फिर कुछ बोलेंगे।
अरुणाचल की बात अरुणाचल में कीजिए, बिहार में बेहतर
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश की बात अरुणाचल प्रदेश में कीजिए। बिहार में चारों पार्टियां बेहतर तरीके से सरकार चला रहे हैं, कोई मनभेद और मतभेद नहीं है, यहां सब कुछ ठीक है। वहीं भाजपा प्रवक्ता प्रेमरंजन पटेल ने केसी त्यागी के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि विधायक अगर खुद आए हैं तो इसमें अमित्रवत कहां है, अपने विधायकों को संभाल नहीं सकते, तो इसमें हमारा कोई दोष नहीं। उन्होंने कहा कि अरुणाचल प्रदेश में विधायकों ने खुद भाजपा में आने का आवेदन दिया था। वो पहले भी भाजपा में थे, उनकी घर वापसी हुई है।

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