अब पटना एम्स में भी होगा शवों का पोस्टमार्टम

10 पुलिस स्टेशन और 56 किलोमीटर के दायरे के शवो का एम्स में कराया जा सकेगा पोस्टमार्टम


फुलवारी शरीफ (अजीत यादव)। पटना के पीएमसीएच, नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल, आईजीआईएमएस के बाद अब पटना एम्स अस्पताल में भी शवों का पोस्टमार्टम कराये जाने की सुविधा का शुभारभ शुक्रवार को एम्स के निदेशक डॉ. प्रभात कुमार के द्वारा किया गया। इससे अब जल्द ही एम्स में पटना एम्स में शवों का पोस्टमार्टम शुरू हो जाएगा। एम्स डीन डॉ. उमेश भदानी ने बताया कि एम्स पटना में फुलवारी शरीफ, खगौल, जानीपुर, नौबतपुर, बेउर, पिपरा समेत कुल दस पुलिस स्टेशन एरिया और 56 किलोमीटर के दायरे के शवों का पोस्टमार्टम कराया जा सकेगा। इसके लिए अत्याधुनिक तकनीको से सुसज्जित शव अन्त्यपरिक्षण विभाग का शुभारभ हुआ है। इस विभाग को शुरू कराने में डॉ. विनय कुमार, डॉ. अमित पाटिल और डॉ. मनोज कुमार सहित डॉ. अशोक रस्तोगी का अहम योगदान रहा है। इस विभाग के हेड डॉ. मनोज को बनाया गया है। पोस्टमार्टम डिपार्टमेंट का शुभारंभ के बाद हैंड्स निदेशक ने पूरे डिपार्टमेंट का घूम-घूम कर निरीक्षण भी किया।
इस मौके पर निदेशक एम्स डॉ. प्रभात कुमार सिंह ने प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि शवों का पोस्टमार्टम करने और उस दौरान मेडिकल स्टूडेंट्स को सिखने का अवसर अब एम्स में ही उपलब्ध हो जाने से सभी को काफी फायदा होगा। उन्होंने कहा कि समाज की सेवा के लिए पटना एम्स ने एक नया मुकाम हासिल किया है। एम्स निदेशक डॉ. प्रभात कुमार सिंह ने बताया, अब पोस्टमार्टम की सुविधा यही उपलब्ध हो जाने से काफी सहूलियत होगी।


इस अवसर पर आयोजित समारोह में स्वागत और परिचयात्मक भाषण डॉ. विनय कुमार, अतिरिक्त प्रोफेसर, फोरेंसिक मेडिसिन और विष विज्ञान, एम्स पटना द्वारा दिया गया। डॉ. कुमार ने कहा कि फॉरेंसिक मेडिसिन का दायरा काफ़ी विस्तृत हो चुका है और शोध के साथ-साथ मेडिकोलीगल अन्वेंशन में इस विभाग का अहम रोल है। डॉ. अमित पाटिल ने बताया कि जल्द ही पोस्टमार्टम यहां शुरू किया जा सकेगा और साथ ही मेडिकल शिक्षण प्रशिक्षण में भी सहायता मिलेगी। स्वागत भाषण के बाद डॉ. मनोज कुमार ने अपने अनुभव और विचार साझा किए। इसके अलावा उन्होंने फोरेंसिक मेडिसिन और विष विज्ञान विभाग, एम्स, पटना द्वारा उपलब्ध सुविधाओं और सेवाओं के बारे में विस्तार से चर्चा की। उसके बाद डॉ. सीएम सिंह, मेडिकल सुपरिटेंडेंट एम्स, डॉ. संजीव कुमार, कोरोना नोडल ऑफिसर ने अपने विचार साझा किए। इसके अलावा पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल, नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल, इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान के चिकित्सा विज्ञान संस्थान, फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला से जुड़े चिकित्सकों ने अपने विचार व्यक्त किये।


डॉ. अशोक रस्तोगी ने बताया कि ऑटोप्सी कॉम्प्लेक्स आधुनिक तकनीकों से सुसज्जित है जैसे कि वेरिएंट रेफ्रिजरेंट फ्लो, डिजिटल एक्स-रे, मेटल डिटेक्टर, डिजिटल एंथ्रोपोमेट्री और अन्य मापने के उपकरण, हाई फ्रिक्वेंसी ऑसिलेटरी को अटैच्ड वैक्यूम सक्शन पंप, हाई प्रेशर वॉटर फ्लो, डीप फ्रीजर, एडवांस्ड कोल्ड स्टोरेज के साथ विभाग द्वारा दी जाने वाली सेवाओं में मेडिकोलीगल कार्य, चोट की रिपोर्ट, शव परीक्षा, जीवित व्यक्ति की उम्र का अनुमान, यौन उत्पीड़न के शिकार व्यक्ति की रिपोर्ट समेत कई सुविधाओं को उपलब्ध कराया गया है। इसके अलावा विभाग समाज, न्याय और स्वास्थ्य प्रणाली के लिए अपनी सेवाओं का विस्तार करने के लिए विष विज्ञान, डीएनए, हिस्टोपैथोलॉजी लैब्स खोलने की भी योजना बना रहा है। मौके पर सब डीन डॉक्टर वीणा सिंह, डॉक्टर अरुण प्रसाद, डॉक्टर अनिल कुमार , अमरजीत कुमार समेत अन्य चिकित्सक व कर्मी उपस्थित थे।

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