तम्बाकू मुक्त बिहार बनाना सरकार का उद्देश्य: मंगल पांडेय

फुलवारी शरीफ। जागरूकता और तंबाकू निषेध कार्यक्रम करने से तम्बाकू मुक्त नही हो पाएंगे इसके लिये समाज के हर तबके को समझना होगा । हर लोगों को अपनी जिम्मेदारी समझकर तम्बाकू के हर स्वरूप को त्याग करना होगा । पहले खुद तम्बाकू से तौबा करने और साथ ही अपने आसपास के लोगों को बताएं कि तंबाकू सेवन से कौन-कौन सी बीमारियां दस्तक देती हैं और उससे शरीर में कौन कौन से रोग पैदा होते हैं जो लाइलाज होते हैं । सभी लोगों को बताएं कि तंबाकू सेवन ना करें और रोगों से छुटकारा पाएं। तम्बाकू से ही तेजी से देश में सबसे जायदा कैंसर रोग बद रहा है। कैंसर रोगियों को सरकार इलाज में अनुदान देना पड़ता है वो राशि भी आम जनता के टैक्स का पैसा होता है । राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय अनीसाबाद के होटल पाटलिपुत्रा कौ काॅटीनेंटल में विश्व तम्बाकू निषेध दिवस के मौके पर एक समारोह को समबोधित करते हुए अपने विचार दे रहे थे। उन्होंने राज्यवासियों से विश्व तम्बाकू निषेध दिवस पर नशा तम्बाकू गुटखा खैनी सिगरेट हुक्का सभी तरह के नशा को छोड़ने की अपील भी की । बिहार को तंबाकू मुक्त बनाना सरकार का प्रमुख लक्ष्य है।
मंत्री श्री पाण्डेय ने आगे कहा की राज्य भर में तम्बाकू मुक्त अभियान चलाया जा रहा है। इसका व्यापक प्रचार-प्रसार अपने गांव टोले मोहल्ले में करें। ताकि, लोग तंबाकू का सेवन ना करें और तंबाकू मुक्त बिहार बनाया जा सके।
प्रत्येक वर्ष भारत में तम्बाकू जनित रोगों से लगभग 10 से 12 लाख लोगों की मौत हो रही है जो कि देश के लिए गम्भीर समस्या है। नशा इंसान को शारीरिक व मानसिक तौर पर भी खोखला कर देता है। नशा करने के कारण दिल को उतनी मात्रा में आक्सीजन नहीं मिल पाता है, जितनी उसे जरूरत होती है। तंबाकू ब्लड प्रेशर को भी बढ़ाता है। जिससे दिल की धड़कन असामान्य हो जाती है। इससे खून के थक्के जम जाते हैं, जो हार्ट अटैक, कार्डियक अरेस्ट और स्ट्रोक का एक प्रमुख कारण है। इसके प्रभाव से कई प्रकार के कैंसर का जन्म होता है। जिसमें फेफड़े एवं मुंह के कैंसर की संख्या सबसे अधिक होती है। भारत में कैंसर से मरने वाले 100 रोगियों में से 40 रोगी तम्बाकू सेवन के कारण मरते है। लगभग 90 प्रतिषत मुँह का कैंसर तम्बाकू सेवन करने वालों में होता है। तम्बाकू सेवन मुःख के अतिरिक्त गला, फेफडो, कंठ, मूत्राशय, गुर्दा आदि का भी कैंसर पैदा कर सकता है। बिहार में तेजी से कैंसर रोग बढ़ रहा है जिसमें तम्बाकू से होने वाले कैंसर रोगियों की संख्या सबसे अधिक है | मंत्री ने कहा की राज्य सरकार द्वारा तम्बाकू मुक्त अभियान चलाया जा रहा जिसका फायदा भी हो रहा है फिर भी जरूरत है और ज्यादा प्रचार प्रसार की। राज्य में तम्बाकू सेवन करने वाले व्यक्तियों का प्रतिषत 53.5 प्रतिषत वर्ष 2009-10 से घट कर 25.9 प्रतिशत वर्ष 2016-17 हो गया है जो कि राष्ट्रीय औसत 28.6 प्रतिशत से भी कम है। यह कमी राज्य में तम्बकू नियन्त्रण कार्यक्रम के सफल और सार्थक प्रयास के कारण हुआ है। तम्बाकू के सेवन से हृदय और रक्त संबंधी बीमारियाँ, प्रजनन क्षमता में कमी, बांझपन जैसी समस्याएँ पैदा हो सकती हैं। धूम्रपान करने वाले व्यक्ति की आयु धूम्रपान न करने वाले व्यक्ति की तुलना में 22 से 28 प्रतिशत कम होती है, फेंफड़े का कैंसर होने का खतरा 20 से 25 गुना अधिक रहता है, अचानक मौत होने का खतरा 3 गुना अधिक हो जाता है।कार्यक्रम को संबोधित करते हुए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कहा कि राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के तहत राज्य के विभिन्न जिलों में इस दिशा में अनेक प्रकार की गतिविधियाँ चलाई जा रही है। राज्य सरकार के द्वारा तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम का संस्थानीकरण के तहत प्रत्येक जिले में जिला पदाधिकारी की अध्यक्षता में जिला स्तरीय तम्बाकू नियंत्रण समन्वय समिति का गठन के साथ ही जिले में तम्बाकू नियंत्रण कानून (कोटपा-2003) के अनुपालन को गति प्रदान करने हेतु त्रिस्तरीय (जिला, अनुमण्डल एवं प्रखण्ड) तम्बाकू निरोधक छापामार दस्ते गठित हैं। इन त्रिस्तरीय तम्बाकू निरोधक छापामार दस्ते के सदस्यों को प्रषिक्षण भी दिया गया है। इसके अतिरिक्त राज्य एवं जिला स्तर पर विभिन्न विभागों के पदाधिकारियों, हितधारकों एवं मीडिया कर्मियों का उन्मुखीकरण/संवेदीकरण कार्यषाला का आयोजन भी किया गया है। विदित हो कि राष्ट्रीय तम्बाकू नियन्त्रण (ब्व्ज्च्।.2003) के तहत राज्य में गुटखा, खुला सिगरेट, इलेक्ट्राॅनिक सिगरेट एवं अवैध हुक्का बार पर प्रतिबन्ध है। स्कूली बच्चों/अवयस्कों तम्बाकू के दुष्परिणामों से अवगत कराने एवं जागरूक करने के लिए स्कूल में भी कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। इस कार्यक्रम अन्तर्गत चिकित्सकों एवं पैरा-मेडिकल कर्मियों के द्वारा जिलों में हाई एवं मिडिल स्कूलों में भ्रमण कर विद्यार्थियों एवं षिक्षकों को तम्बाकू के दुष्परिणामों से अवगत कराया जा रहा है।
इन गतिविधियों के फलस्वरूप अब तक राज्य के 13 जिलों (यथा मुंगेर, पटना, दरभंगा, कटिहार, समस्तीपुर, लखीसराय, वैषाली, मधेपुरा, जहानाबाद, मधुबनी, गोपालगंज, सहरसा, खगड़िया) को कोटपा की धारा ‘4’ के अन्तर्गत धूम्रपान मुक्त जिला घोषित किया जा चुका है।

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