जम्मू-कश्मीर में मधेपुरा के मजदूर की गोलीमार कर हत्या, आतंकियों के खिलाफ पुलिस का सर्च अभियान जारी

पटना। जम्मू-कश्मीर के बांदीपोरा जिले के सदुनारा गांव में आतंकियों ने शुक्रवार तड़के एक मजदूर की गोली मार कर हत्या कर दी है। मजदूर बिहार के मधेपुरा जिला का रहने वाला था। उसकी पहचान मोहम्मद अमरेज (19 साल) के रूप हुई है। घटना के बाद पुलिस इलाके में सर्च अभियान चला रही है। कश्मीर पुलिस ने एक बयान में कहा कि आतंकियों ने मजदूर पर गोलियां चलाईं और घायल कर दिया। उसे इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया, जहां उसने दम तोड़ दिया। अमरेज यहां पर मजदूरी करता था। वही अमरेज के भाई ने बताया कि लगभग 12.20 बजे मेरे भाई (मोहम्मद अमरेज) ने मुझे उठाकर बोला कि फायरिंग हो रही है लेकिन मैंने बोला कि ये होता रहता है, सो जा। थोड़ी देर बाद मैंने देखा कि भाई वहां सोया नहीं था। मैं उसे ढूंढने गया तो देखा कि वो खून से लथपथ था। मैंने सेना को फोन किया और हम उसे हजिन ले गए। जहां से उसे श्रीनगर ले जाने के लिए बोला लेकिन उसने रास्ते में ही दम तोड़ दिया।
टारगेटेड किलिंग कर कश्मीर घाटी में अशांति फैलाने की नई योजना
वही खुफिया एजेंसियों के मुताबिक, टारगेटेड किलिंग पाकिस्तान की कश्मीर में अशांति फैलाने की नई योजना है। माना जा रहा है कि इसका मकसद, आर्टिकल 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास की योजनाओं पर पानी फेरना है। आर्टिकल 370 हटने के बाद से ही कश्मीर में टारगेटेड किलिंग कि घटनाएं बढ़ी हैं, जिसमें खासतौर पर आतंकियों ने कश्मीरी पंडितों, प्रवासी कामगारों और यहां तक कि सरकार या पुलिस में काम करने वाले उन स्थानीय मुस्लिमों को भी सॉफ्ट टागरेट बनाया है, जिन्हें वे भारत का करीबी मानते हैं। आईएसआई कश्मीरी लोगों के बीच ये प्रोपेगेंडा फैला रही है कि आर्टिकल 370 हटने के बाद बाहर से आने वाले प्रवासी कामगार उनकी नौकरियां और जमीनों पर कब्जा जमा लेंगे। इस दुष्प्रचार के जरिए वह कश्मीर में पाक समर्थक आतंकी संगठनों के लिए फिर से समर्थन जुटाने की कोशिशों में लगा है। वही आर्टिकल 370 हटने के बाद आतंकियों के खिलाफ भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की कार्रवाई ने कश्मीर में उन्हें कमजोर बना दिया है।

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