कौन लेगा सुध? मध्याह्न योजना लाभ से लंबे अरसे से वंचित हैं पंडारक प्रखंड के बसावन चक प्राथमिक विद्यालय के बच्चे

बाढ़। पटना के बाढ़ अनुमंडल के पंडारक प्रखंड के टाल क्षेत्र में स्थित बसावन चक प्राथमिक विद्यालय का हाल बदतर स्थिति में है। यहां कुल करीब 250 बच्चे पढ़ाई करते हैं, परंतु हालात यह है कि यहां न तो बच्चों की शिक्षा उचित ढंग से दी जाती है और न ही मध्याह्न भोजन कराया जाता है। मध्याह्न भोजन के नाम पर सरकार के द्वारा मिलने वाली राशि कहां गायब हो जाती है, पता नहीं चलता। यहां विद्यालय के जो प्रधान शिक्षक हैं, वो अक्सर विद्यालय से गायब रहते हैं। रसोईया से जब पूछा गया कि एमडीएम बच्चों के लिए क्यों नही बनाया जा रहा है, तो बताया कि सामान उपलब्ध नहीं होने के कारण मैंने खाना नहीं बनाया है। एमडीएम योजना के अंतर्गत बुधवार को हरी सब्जी युक्त खिचड़ी तथा बच्चों को मौसमी फल आदि उपलब्ध कराना था, लेकिन विद्यालय में 10 बोरा चावल व कुछ अन्य सामग्री होने के बावजूद भी भोजन नहीं बनाया गया।
वहीं जब यहां के शिक्षकों से बात की गई, तो सहायक शिक्षिका संयुक्ता कुमारी ने बताया कि यहां के प्रधान शिक्षक अक्सर गायब रहते हैं। यह भी बताया गया कि महीने में 1-3 बार ही बच्चों को एमडीएम का लाभ दिया जाता है और यह प्रक्रिया लंबे अरसे से चल रही है। प्रथम दृष्टया यह घोर भ्रष्टाचार का मामला दिखाई पड़ता है। शिक्षकों ने प्रधान शिक्षक पर यह भी आरोप लगाया कि वे मनमाने तरीके से विद्यालय को संचालित करते हैं। हालांकि इस स्कूल में कुल 5 शिक्षक हैं लेकिन मौके पर दो ही शिक्षक पाए गए। मध्याह्न भोजन के नाम पर सरकार के द्वारा आवंटित की जाने वाली राशि की बंदरबांट साफ दिखाई पड़ती है।
इन सभी मुद्दों पर मीडिया के द्वारा जब एमडीएम के प्रभारी शिवपूजन कुमार से बात की गई तो उन्होंने कहा कि यह बिल्कुल जांच का विषय है। वहीं शिक्षकों ने इस प्रकार की व्यवस्था को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। मीडिया के द्वारा मोबाइल से जब प्रखंड विकास पदाधिकारी विपुल भारद्वाज को इसकी सूचना दी गई तो उन्होंने कार्रवाई करने की बात कही है। लेकिन बदतर और बदहाल व्यवस्था वाले इस स्कूल के प्रधान शिक्षक पर क्या कार्रवाई होती है, वह भविष्य ही बताएगा। फिलहाल तो इस स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।

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