2 साल में 20 हजार नए कैदी बढ़े, बिहार सरकार बोली- हम नए जेल बनवा रहे

पटना। बिहार में कैदियों की संख्या दो वर्षों में ही इतने बढ़ गए हैं कि इन्हें रखने के लिए जेल कम पड़ गए हैं। विधान परिषद में एक सवाल के जवाब में सरकार ने बताया है कि दो वर्षों में 20 हजार नए कैदी बिहार के जेल पहुंचे हैं। गृह विभाग के प्रभारी मंत्री विजेंद्र यादव ने एक सवाल के जवाब में बताया कि साइबर क्राइम समेत कई अपराध के ग्राफ बढ़े हैं। बहुत सारी चीजें घट रही हैं, जो पहले नहीं थी। इसके कारण कैदियों की संख्या बढ़ी है। इन्हें रखने की उचित व्यवस्था की जा रही है। कहीं जेल में कमरे बनाए जा रहे हैं तो कहीं जेलों की संख्या भी बढ़ाई जा रही है।
बिहार के 59 जेलों में 66 हजार कैदी
बिहार की जेलों में कैदियों की संख्या उनकी क्षमता से कहीं ज्यादा है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि सूबे के 59 जेलों में जहां 46,669 कैदी रह सकते हैं। वहां बीते दिसम्बर 2021 तक 66,307 कैदी थे। यह जेल में कैदियों को रखने की कुल क्षमता से 19,638 ज्यादा है। वहीं साल भर पहले यानी दिसम्बर 2020 में कैदियों की संख्या मात्र 51,154 थी। यानी साल भर में देखा जाए तो कैदियों की संख्या में 15 हजार से अधिक की वृद्धि हुई है। वहीं इस सवाल पर चर्चा के दौरान राजद के सदस्य रामंचद्र पूर्वे ने कहा कि सरकार ने रिफॉर्मेटिक कार्यक्रम बंद कर दिया है। यही कारण है कि जमानत के बाद कैदी बाहर आता है और पहले से बड़ा क्राइम करके फिर जेल चला जाता है। इस पर गृह विभाग के प्रभारी मंत्री ने कहा कि जेल में इनकी पार्टी के बड़े नेता हैं, उनसे सीख कर शुरू करेंगे।
बेउर जेल में 5534 कैदी रह रहे
दिसम्बर 2021 के आंकड़े बताते हैं कि राज्य के 59 में 13 जेल ऐसे हैं, जहां क्षमता से 200% से ज्यादा कैदियों को रखा गया है। कुछ जेलों में तो यह 300% से भी अधिक है। इसमें पटना का बेऊर जेल भी शामिल है। यहां दिसम्बर 2021 में कैदियों की कुल संख्या 5534 थी, जबकि वहां की क्षमता 2360 कैदियों को रखने की है।

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