जमशेदपुर से बेटे के साथ गिरफ्तार हुआ वांटेड नक्सली, बिहार एसटीएफ ने दबोचा

पटना। पिछले 12 सालों से फरार चल रहे कुख्यात नक्सली श्रवण साव को बिहार एसटीएफ की टीम ने गिरफ्तार कर लिया है, साथ में इसके नक्सली बेटे विपिन साव को भी टीम ने अपने कब्जे में लिया है। दोनों बाप-बेटों को झारखंड के जमशेदपुर से पकड़ा गया है। परशुडीह इलाके में नक्सली बाप-बेटे आम लोगों की तरह रह रहे थे। वहीं पर छोटा सा अपना कारोबार चला रहे थे।
पुलिस जवान की हत्या के बाद से थे फरार
नक्सली श्रवण साव मूल रूप से बिहार के लखीसराय जिले के कजरा थाना क्षेत्र के खैरा गांव का रहने वाला है। दरअसल, ये दोनों ही लखीसराय जिले की पुलिस के लिए वांटेड रहे हैं। पिछले 12 सालों से पुलिस को इन दोनों की तलाश थी। साल 2010 में नक्सलियों ने कजरा इलाके में धावा बोल दिया था। उस वक्त एक सब इंस्पेक्टर समेत 4 पुलिस वालों को नक्सलियों ने अपने कब्जे में ले लिया था। घंटों उन्हें बंधक बनाकर रखा। बाद में एक हवलदार की नक्सलियों ने हत्या कर दी थी। इस घटना के बाद पुलिस की जांच में नक्सली श्रवण साव और उसके बेटे का नाम सामने आया था। तब कजरा थाना में इनके खिलाफ एफआइआर दर्ज की गई थी।
पहचान करने में लगा 5 दिन का वक्त
ऐसा नहीं है कि 2010 की घटना के बाद दोनों बाप-बेटे शांत बैठ गए। इसके बाद भी साल 2013 से लेकर 2015 तक में कई नक्सली वारदातों को अंजाम दिया। वारदातों को अंजाम देने के बाद ये दोनों फरार हो जाते थे। लखीसराय जिले की पुलिस ने कई बार पकड़ने की कोशिश की, पर नाकाम रही। तब जाकर इनकी गिरफ्तारी का जिम्मा बिहार एसटीएफ को दिया गया। जिसके बाद एक टीम लगातार इनके बारे में इनपुट जुटा रही थी। जैसे ही जमशेदपुर में इनके रहने का पता चला, वैसे ही एक टीम पटना से वहां गई और 5 दिनों तक लगातार रही। कई बार की रेकी के बाद पहचान हुई। तब जाकर छापेमारी की और दोनों बाप-बेटे को गिरफ्तार किया।

About Post Author

You may have missed