पीएचडी चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के इंटरनेशनल क्लाइमेट चेंज कार्यक्रम में पहुंचे केंद्रीय राज्यमंत्री अश्विनी चौबे, कहा- ग्रीन हाइड्रोजन आशा की है किरण

पटना। केंद्रीय राज्यमंत्री अश्विनी चौबे ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत ने अक्षय ऊर्जा, स्थायी आवास, अतिरिक्त वन और वृक्षों के आवरण के माध्यम से कार्बन सिंक के निर्माण,टिकाऊ परिवहन के लिए परिवर्तन, ई-गतिशीलता यानी मोबिलिटी, जलवायु प्रतिबद्धताओं के लिए निजी क्षेत्र को लामबंद करने जैसे कई मजबूत कदम उठा एक उदाहरण पेश किया है।

2030 तक हम ऊर्जा उपभोग का 40 प्रतिशत नॉन फॉसिल स्रोतों से पूरा करेंगे। इसमें ग्रीन हाइड्रोजन एक विकल्प के रूप में देखा जा सकता है । ग्रीन हाइड्रोजन एक आशा की किरण है।

उक्त बातें केंद्रीय राज्यमंत्री श्री चौबे शुक्रवार को पीएचडी चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री की ओर से आयोजित पोवरिंग इंडियाज हाइड्रोजन इको सिस्टम इंटरनेशनल क्लाइमेट समिट 2021 में कही।

केंद्रीय मंत्री चौबे ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने 15 अगस्त को नेशनल हाइड्रोजन मिशन की घोषणा भी की है। केंद्रीय राज्यमंत्री चौबे ने कहा कि 2015 जलवायु परिवर्तन के लिए पर्यावरण संरक्षण के पूरे विश्व के मील का पत्थर साबित हुआ है।

चौबे ने कहा कि फॉसिल से अभी ऊर्जा उत्पादन 150 गीगा वाट होता है। जो कुल उत्पादन का 39 प्रतिशत है। भारत में 2022 तक 175 गीगा वाट की ऊर्जा का उत्पादन रिन्यूएवल एनर्जी के क्षेत्र से करने का लक्ष्य रखा है।

जबकि 2030 तक यह लक्ष्य 450 गीगा वाट करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित है। भारत रिन्यूएबल एनर्जी के इन्फ्रास्ट्रक्चर में बहुत अधिक निवेश कर रहा है।

स्थानीय व ग्रामीण स्तर पर भी हम स्वच्छ ऊर्जा का प्रयोग करें, इसके लिए केंद्र सरकार ने 80 मिलियन से अधिक घरों में एलपीजी बांटा है। इससे उनको कुकिंग फ्यूल तो मिल ही रहा है, उनका घर के अंदर व बाहर का वातावरण भी ठीक हो रहा है।

ग्रामीण महिलाओं का स्वास्थ्य सुधार रहा है। इसी प्रकार 364 मिलियन एलईडी बल्ब का वितरण उजाला स्कीम के तहत किया है। भारत वैश्विक स्तर पर भी मल्टीलेटरल प्रयास कर रहा है। फ्रांस के साथ मिलकर इंटरनेशनल सोलर एलाइंस में पार्टनरशिप की है।

हमारा विजन है। एक आदित्य, एक विश्व, एक ग्रिड। 2030 का एजेंडा एक सामूहिक लक्ष्य है। यह केवल सरकारों के लिए नहीं है, सारे स्टेकहोल्डर के लिए है।

इसमें इंडस्ट्री चैंबर्स भी शामिल हैं, उन सब को एक साथ काम करना होगा। संगोष्ठी को केंद्रीय मंत्री डॉक्टर जितेंद्र सिंह, पीएचडी चेंबर आॅफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष संजय अग्रवाल, जेपी गुप्ता चेयरमैन एनवायरनमेंट कमेटी आदि ने भी संबोधित किया।

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