भाजपा के कारण देश में लागू है अघोषित आपातकाल, 2024 में जनता लेगी हिसाब : ललन सिंह

पटना। राहुल गांधी की संसद सदस्यता जाने पर जदयू ने इसे मोदी सरकार की हताशा करार दिया है। जदयू अध्यक्ष ललन सिंह ने शनिवार को कहा कि राहुल गांधी मामले में जिस तरह से 24 घंटे के भीतर फैसला लिया गया उससे यह साबित होता है कि केंद्र सरकार पूरी तरह हताश है। वह बौखलाहट में इस तरह की कार्रवाई कर रही है। जिस तरह से राहुल के मामले में कोर्ट का फैसला आने के 10 घंटे के भीतर अगर सारी प्रक्रिया पूरी कर ली जाए तो साफ झलकता है कि इसमें केंद्र सरकार की कहीं न कहीं भूमिका है। उन्होंने कहा कि देश की जनता सबकुछ देख रही है, 2024 में सबका हिसाब लेगी। वहीं सीबीआई की जांच का सामना कर रहे तेजस्वी यादव का बचाव करते हुए ललन सिंह ने कहा कि जो राहुल गांधी के साथ हो रह है वैसा ही तेजस्वी यादव के साथ हो रहा है। लैंड फॉर जॉब स्कैम में 2008 से 2014 तक कोई जांच नहीं हुई। 2020 तक भी सीबीआई-ईडी चुप बैठी रही, लेकिन जैसे ही नीतीश कुमार महागठबंधन में शामिल हुए। वैसे ही सीबीआई और ईडी को दिव्य ज्ञान हो गया। उन्होंने कहा कि जो फाइल बंद हो गई थी वह 2022 में फिर से खुल गई। केंद्र सरकार सीबीआई और ईडी का इस्तेमाल सिर्फ और सिर्फ विरोधियों को परेशान करने और दवाब बनाने के लिए कर रही है। पहले इसी तरह राहुल गांधी को परेशान किया गया। अब उसी तर्ज पर तेजस्वी यादव को परेशान किया जा रहा है। उन्होंने केंद्रीय जांच एजेंसियों को मोदी सरकार का हथकंडा करार देते हुए कहा कि जिस प्रकार से विपक्ष के नेताओं के खिलाफ चीजे चल रही हैं। यह दिखाता है कि देश में अघोषित इमरजेंसी है। इसके खिलाफ विपक्ष एकजुट है। ललन सिंह ने बताया कि 14 राजनीतिक दलों ने एक साथ मिलकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है और कहा है कि जिस तरह से केंद्र की सरकार अपने विरोधियों के खिलाफ सीबीआई, ईडी और आयकर का इस्तेमाल कर रही है उसपर ध्यान दिया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने पांच अप्रील को इस मामले की सुनवाई करेगा।

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