बिहटा में 18 घंटो से भीषण महाजाम, ट्रकों की लगी लंबी लाइन, इमरजेंसी वाहन फंसे

बिहटा। पटना जिले के बिहटा क्षेत्र में बीते 18 घंटों से भीषण जाम की स्थिति बनी हुई है। बिहटा-औरंगाबाद मार्ग और बिहटा-पटना-आरा मार्ग पर बालू लदे ट्रकों की लंबी कतारों ने यातायात पूरी तरह बाधित कर दिया है। इस जाम के कारण स्थानीय लोगों, स्कूली बच्चों और इमरजेंसी सेवाओं को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
जाम के कारण
बिहटा में जाम की यह स्थिति भोजपुर और छपरा से बालू लदे ट्रकों को समय पर न छोड़ने के कारण बनी है। भोजपुर के बबुरा बाजार में सड़क निर्माण कार्य और दानापुर-बिहटा एलिवेटेड रोड का निर्माण कार्य भी इस समस्या को बढ़ा रहे हैं। आरा और छपरा की ओर से आने वाले बालू लदे ट्रकों को रोका जा रहा है, जिससे बिहटा और आसपास के मार्गों पर वाहनों की लंबी लाइन लग गई है।
प्रभावित क्षेत्र और लोग
जाम का प्रभाव केवल स्थानीय लोगों तक सीमित नहीं है। स्कूली बसें, एंबुलेंस और अन्य इमरजेंसी वाहन भी फंस गए हैं। व्यापारिक गतिविधियां ठप हो चुकी हैं, और पैदल चलने वालों को भी भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
पुलिस और प्रशासन की कोशिशें
बिहटा थानाध्यक्ष राजकुमार पांडेय ने बताया कि पुलिस जाम हटाने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है। छोटे वाहनों को वैकल्पिक मार्गों से भेजा जा रहा है। हालांकि, ट्रैफिक पुलिस और स्थानीय प्रशासन के तमाम प्रयासों के बावजूद स्थिति नियंत्रण में नहीं आ पाई है।
स्थानीय जाम की पुरानी समस्या
बिहटा में जाम लगना कोई नई बात नहीं है। बालू लदे ट्रकों के प्रबंधन में समय पर ध्यान न देने के कारण अक्सर इस क्षेत्र में जाम की स्थिति बनती रहती है। भोजपुर, छपरा, आरा और पटना के मुख्य मार्गों पर भारी वाहनों की आवाजाही की सही योजना नहीं होने से समस्या और गंभीर हो जाती है।
जनता की समस्याएं और मांगें
स्थानीय लोग इस स्थिति से बेहद परेशान हैं। उनका कहना है कि ट्रैफिक व्यवस्था सुधारने के लिए प्रशासन को ठोस कदम उठाने चाहिए। बालू लदे ट्रकों को नियमित अंतराल पर और सही समय पर छोड़ने की व्यवस्था होनी चाहिए। इसके अलावा निर्माण कार्यों को समय पर पूरा करने के लिए सख्त निगरानी की आवश्यकता है। बिहटा में लगातार बढ़ती जाम की समस्या से आम जनता का जीवन प्रभावित हो रहा है। प्रशासन और ट्रैफिक पुलिस को इस समस्या का स्थायी समाधान निकालने की जरूरत है ताकि लोग इस प्रकार की असुविधा से बच सकें और यातायात व्यवस्था सुचारु हो सके।

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