आरजेडी एमएलसी को साइबर ठगों ने किया डिजिटल अरेस्ट, 12 घंटे का टॉर्चर, शिकायत पर एफआईआर दर्ज

पटना। राजद (आरजेडी) के विधान परिषद सदस्य मोहम्मद शोएब एक गंभीर साइबर अपराध का शिकार हो गए। ठगों ने उन्हें वीडियो कॉल के माध्यम से डिजिटल तरीके से 12 घंटे तक एक ही जगह बैठाए रखा और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया। इस दौरान उन्होंने एमएलसी से जुड़ी वित्तीय जानकारी और व्यक्तिगत दस्तावेज हासिल करने की कोशिश की।
मुंबई क्राइम ब्रांच के नाम पर शुरू हुआ जाल
यह घटना 8 अप्रैल की सुबह करीब 10:30 बजे शुरू हुई, जब मोहम्मद शोएब के मोबाइल पर एक अज्ञात नंबर से कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच यूनिट का अधिकारी बताया और बताया कि उनके नाम से एक मनी लॉन्ड्रिंग केस दर्ज है। झांसा देकर कहा गया कि उनका खाता केनरा बैंक, मुंबई ब्रांच से जुड़ा है, जिससे करोड़ों लोगों के साथ धोखाधड़ी हुई है।
केस और पूछताछ का बहाना बनाकर टॉर्चर
ठगों ने केस नंबर भी बताया और कहा कि अब उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद उन्हें व्हाट्सएप के जरिए वीडियो कॉल किया गया और लगातार मनोवैज्ञानिक दबाव बनाया गया। शोएब को एक कमरे में बैठा कर उनसे पूछताछ की गई और निजी जानकारी मांगी गई। इसमें उनके बैंक विवरण, पहचान पत्र और अन्य दस्तावेजों की स्कैन कॉपी भेजने के लिए मजबूर किया गया।
पुलिस ने की प्राथमिकी दर्ज
घटना की जानकारी मिलते ही एमएलसी मोहम्मद शोएब ने पटना साइबर थाना में शिकायत दर्ज कराई। इस शिकायत के आधार पर एफआईआर दर्ज कर ली गई है। साइबर थाने के प्रभारी, पुलिस उपाधीक्षक राघवेंद्र मणि त्रिपाठी ने बताया कि मामला दर्ज कर लिया गया है और जांच जारी है।
अब तक नहीं हुआ वित्तीय नुकसान
पुलिस की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि इस पूरे घटनाक्रम के दौरान कोई फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन नहीं हुआ है यानी आर्थिक नुकसान से शोएब फिलहाल बच गए हैं। हालांकि ठगों ने उनकी कुछ निजी जानकारी और दस्तावेजों को स्कैन कर मंगाया है, जिसका दुरुपयोग होने की आशंका बनी हुई है।
साइबर ठगों की पहचान की कोशिश
जिस नंबर से कॉल आया था, उसकी तकनीकी जांच की जा रही है। पुलिस यह जानने की कोशिश कर रही है कि ये कॉल भारत से किया गया या किसी विदेशी नेटवर्क के जरिए किया गया। साइबर सेल की टीम मामले की गहराई से पड़ताल कर रही है। यह मामला साइबर अपराध की बढ़ती गंभीरता को दर्शाता है। एक जनप्रतिनिधि तक को जब ठग इस हद तक प्रताड़ित कर सकते हैं, तो आम नागरिकों के लिए यह और भी खतरनाक हो सकता है। लोगों को ऐसी फर्जी कॉल से सावधान रहने की जरूरत है और किसी भी अनजान व्यक्ति को अपनी पर्सनल जानकारी देने से पहले पूरी जांच-पड़ताल कर लेनी चाहिए।

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