सुखबीर संधू और ज्ञानेश कुमार बने देश के नए चुनाव आयुक्त

  • राष्ट्रपति द्वारा जल्द की जाएगी नियुक्ति, कांग्रेस के नेता अधीर रंजन ने खड़े किये सवाल

नई दिल्ली। पूर्व नौकरशाह सुखबीर संधू और ज्ञानेश कुमार को चुनाव आयुक्त नियुक्त किया गया है। सरकार से पहले लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने गुरुवार दोपहर मीडिया को यह जानकारी दी। बता दें कि अधीर रंजन चौधरी भी निर्वाचन आयुक्त के चयन से संबंधित समिति का हिस्सा हैं। बैठक के बाद समिति के सदस्य अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि समिति के समक्ष छह नाम रखे गए थे जिनमें से इन दो नामों पर मुहर लगाई गई। अधीर रंजन ने कहा, “पूर्व नौकरशाह एसएस संधू और ज्ञानेश कुमार के नामों को चुनाव आयुक्तों के तौर पर अंतिम रूप दिया गया। बैठक में प्रधानमंत्री और अधीर रंजन चौधरी के अलावा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी शामिल हुए। कांग्रेस नेता ने चयन समिति में भारत के मुख्य न्यायाधीश की जगह एक केंद्रीय मंत्री को शामिल करने वाले कानून को लेकर केंद्र पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, ”भारत के मुख्य न्यायाधीश को इस समिति में होना चाहिए था।” उन्होंने कहा कि पिछले साल लाए गए कानून ने बैठक को महज एक ”औपचारिकता” तक सीमित कर दिया है। पैनल में सरकार बहुमत में है। वे जो चाहते हैं वही होता है।” कांग्रेस नेता ने कहा कि उन्हें कल रात जांच के लिए 212 नाम दिए गए थे। उन्होंने कहा, “मैं कल रात दिल्ली पहुंचा और बैठक आज दोपहर को थी। मुझे 212 नाम दिए गए थे। कोई एक दिन में इतने सारे उम्मीदवारों की जांच कैसे कर सकता है। फिर, मुझे बैठक से पहले 6 शॉर्टलिस्ट किए गए नाम दिए गए। बहुमत उनके साथ है, इसलिए उन्होंने वही उम्मीदवार चुना जो वे चाहते थे। इससे पहले दिन में निर्वाचन आयोग के दो नए चुनाव आयुक्तों के चयन के लिए प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली उच्चाधिकार प्राप्त समिति की बैठक हुई। यह बैठक पहले 15 मार्च को शाम 6 बजे होनी थी। निर्वाचन आयुक्त अनूप चंद्र पांडेय की पिछले महीने सेवानिवृत्ति और अरुण गोयल के शुक्रवार को अचानक इस्तीफे से निर्वाचन आयुक्तों के दो पद रिक्त हो गए थे। अब एसएस संधू और ज्ञानेश कुमार की बतौर निर्वाचन आयुक्तों के तौर पर नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाएगी। गौरतलब है कि चुनाव आयुक्त अरुण गोयल के इस्तीफे के बाद चुनाव आयुक्त का एक और पद खाली हो गया था जबकि एक स्थान पहले से ही खाली था।
अधीर रंजन ने सरकार को घेरा
चुनाव आयुक्त चुनने वाली समिति की बैठक के बाद, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि उनके (सरकार) पास समिति में बहुमत है। पहले, उन्होंने मुझे 212 नाम दिए थे, लेकिन नियुक्ति से 10 मिनट पहले उन्होंने मुझे सिर्फ छह नाम दिए। मुझे पता है कि मुख्य न्यायाधीश सीजेआई वहां नहीं है, सरकार ने ऐसा कानून बना दिया है कि सीजेआई दखल नहीं दे सकता और केंद्र सरकार अपनी पसंद का नाम चुन सकती है। मैं यह नहीं कह रहा कि यह मनमाना है, लेकिन जो प्रक्रिया अपनाई जा रही है उसमें कुछ खामियां हैं।
6 नामों पर हुई चर्चा
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी के मुताबिक इस बैठक में उत्पल कुमार सिंह, प्रदीप कुमार त्रिपाठी, ज्ञानेश कुमार, इंदीवीर पांडेय, सुखबीर सिंह, गंगाधर राहत के नामों पर चर्चा की गई। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि मैंने पहले ही एक शॉर्टलिस्ट मांगा था। मतलब छोटी सूची हमें सौंपी जाए। मुझे जो सूची दी गई थी, उसमें 212 नाम ते। हमारी कमेटी में पीएम मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल हैं। यानि सराकर की बहुमत है। यानी सरकार के मुताबिक ही चुनाव आयुक्त का चयन होगा। सुप्रीम कोर्ट ने गोयल साहब के अपॉइंटमेंट पर कहा था कि जिस गति से उनका अपॉइंटमेंट हुआ, उसी गति से वो निकल गए।
जानें कौन हैं ज्ञानेश कुमार और सुखबीर संधू
ज्ञानेश कुमार रिटायर्ड आईएएस अधिकारी हैं। वो कुछ दिन पहले ही सहकारिता मंत्रालय के सचिव पद से रिटायर हुए हैं। इस मंत्रालय के गठन के वक्त से ही ज्ञानेश ने यहां काम किया था। इससे पहले वह गृह मंत्रालय में कश्मीर डिवीजन के संयुक्त सचिव थे। उस दौरान ही जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 खत्म किया गया था। ज्ञानेश 1988 बैच के केरल कैडर के अधिकारी रहे हैं। वही दूसरे चुनाव आयुक्त सुखबीर सिंह संधू भी पूर्व आईएएस अधिकारी हैं। वह 1988 बैच के उत्तराखंड कैडर के अधिकारी हैं। संधू को 2021 में जब पुष्कर सिंह धामी सीएम बने थे तो राज्य का मुख्य सचिव नियुक्त किया गया था।

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