तेजप्रताप यादव ने किया भावुक पोस्ट, राजद की ओर इशारा, कहा- सत्य के मार्ग से ही प्रतिष्ठा मिलेगी

पटना। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव एक बार फिर सुर्खियों में हैं। हाल के दिनों में पार्टी और पारिवारिक विवादों को लेकर वे चर्चा में रहे हैं। अनुष्का यादव प्रकरण के बाद, जब उन्हें पार्टी और परिवार दोनों से अलग-थलग कर दिया गया, तब से उन्होंने सोशल मीडिया को अपनी भावनाओं और विचारों को व्यक्त करने का माध्यम बना लिया है।
सत्य के मार्ग की ओर इशारा
शनिवार सुबह तेजप्रताप ने एक भावुक पोस्ट साझा किया, जिसमें उन्होंने सत्य के मार्ग को अपनाने की प्रेरणा दी। पोस्ट में उन्होंने राजा हरिश्चंद्र और महाभारत के पांडवों का उदाहरण देते हुए यह बताया कि सत्य का मार्ग कठिन अवश्य होता है, पर अंततः विजय उसी की होती है जो इस मार्ग पर चलता है। उन्होंने लिखा कि सत्य से ही प्रतिष्ठा प्राप्त होती है, जैसे राजा हरिश्चंद्र ने कठिन संघर्ष के बाद पुनः अपनी प्रतिष्ठा पाई, और पांडवों ने सत्य के पथ पर चलकर कौरवों को परास्त किया।
संकेतों में छिपा संदेश
तेजप्रताप के इस संदेश को सिर्फ धार्मिक या नैतिक शिक्षा के रूप में नहीं देखा जा सकता। इसे राजनीतिक संकेत के रूप में भी देखा जा रहा है। ऐसा प्रतीत होता है कि वे अपने वर्तमान राजनीतिक और पारिवारिक संघर्ष को इन पौराणिक प्रसंगों से जोड़ते हुए अपनी स्थिति स्पष्ट करना चाह रहे हैं। यह पोस्ट उस मनोवैज्ञानिक द्वंद्व को उजागर करता है जिससे वे इन दिनों गुजर रहे हैं।
वीडियो से बढ़ा सियासी पारा
इससे एक दिन पहले तेजप्रताप यादव ने एक वीडियो साझा किया था जिसमें वह एक कमरे में प्रवेश करते हैं, जो ऑफिस की तरह सजा हुआ है। कमरे में लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी की तस्वीर प्रमुख रूप से लगी है। तेजप्रताप श्रद्धा के साथ उस कमरे में प्रवेश करते हैं और कुर्सी पर बैठते हैं। वीडियो में बैकग्राउंड म्यूजिक चल रहा है और उन्होंने अंग्रेजी में एक प्रेरक वाक्य लिखा है – “हमारे सारे सपने सच हो सकते हैं, अगर हममें उन्हें पूरा करने का साहस हो।”
नई पार्टी की अटकलें
तेजप्रताप के इस वीडियो के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है। कई लोगों का मानना है कि तेजप्रताप अब अपनी नई पार्टी की तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने जिस अंदाज में खुद को प्रस्तुत किया, उससे यह संभावना जताई जा रही है कि वे पार्टी और परिवार से दूरी बनाने के बाद अब स्वतंत्र राजनीतिक राह तलाश सकते हैं। हालांकि उन्होंने खुलकर इसकी घोषणा नहीं की है, लेकिन उनकी पोस्ट और वीडियो इशारों-इशारों में बहुत कुछ कह रहे हैं।
राजद परिवार में बढ़ता अंतर
राजद के अंदरूनी हालात को देखते हुए यह स्पष्ट हो रहा है कि परिवार के भीतर खींचतान गहराती जा रही है। तेजप्रताप यादव पहले भी कई बार पार्टी नेतृत्व को लेकर अपने असंतोष को जाहिर कर चुके हैं। अनुष्का प्रकरण के बाद उनके सार्वजनिक जीवन में जो बदलाव आया है, वह किसी गहरे आत्म-साक्षात्कार और नए राजनीतिक अध्याय की तैयारी की ओर संकेत करता है। तेजप्रताप यादव के हालिया पोस्ट और वीडियो केवल व्यक्तिगत भावनाओं की अभिव्यक्ति नहीं हैं, बल्कि वे राजनीतिक और पारिवारिक हालातों पर एक गंभीर टिप्पणी भी हैं। सत्य और साहस की बात करके वे न केवल अपने वर्तमान संघर्ष को वैधता दे रहे हैं, बल्कि भविष्य की एक नई दिशा की ओर भी इशारा कर रहे हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में तेजप्रताप की भूमिका बिहार की राजनीति में किस रूप में सामने आती है।

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