पटना में नियोजित शिक्षकों ने किया विधानसभा का घेराव, सक्षमता परीक्षा का जताया विरोध

  • सरकार के खिलाफ जमकर की नारेबाजी: विधानसभा कैंपस के बाहर भारी फोर्स तैनात, 3.5 लाख शिक्षकों को मिलेगा राज्यकर्मी का दर्जा

पटना। बिहार की राजनीति में सोमवार का दिन काफी अहम रहा। एनडीए सरकार ने नीतीश कुमार के नेतृत्व में विधानसभा में फ्लोर टेस्ट को पास कर बहुमत हासिल किया। वहीं अब मंगलवार को राज्य के नियोजित शिक्षकों ने सरकारी कर्मी का दर्जा देने वाली परीक्षा के विरोध में विधानसभा का घेराव किया। बिहार के अलग-अलग जिलों से तकरीबन 10000 की संख्या में शिक्षक कल शाम से ही गर्दनीबाग धरना स्थल पर जुटना शुरू हो गए थे और मंगलवार सुबह उन्होंने विधानसभा का घेराव किया। इस दौरान उन्होंने नीतीश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। वही किसी भी स्थिति से निपटने के लिए जिला प्रशासन ने भी अपनी ओर से सुरक्षा की पुख्ता इंतजाम किए हुए थे। बताया जा रहा है कि शिक्षकों को रोकने के लिए पुलिस ने 200 जवान तैनात किए हैं। गर्दनीबाग से निकलने वाले रास्ते पर बैरिकेडिंग की गई है। बिहार शिक्षा एकता मंच ने जिला प्रशासन से गर्दनीबाग में धरने की अनुमति ली है। उन्हें विधानसभा घेराव की परमीशन नहीं है। जिन लोगों को हमने नियोजित शिक्षक के रूप में बहाल किया था। हमने सोच लिया है कि उनके लिए एक मामूली परीक्षा का आयोजन करेंगे और उन्हें भी परमानेंट सरकारी बनाएंगे।’ यह घोषणा बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2 नवंबर 2023 को गांधी मैदान के मंच से की थी। जब चुनाव सिर पर आया तो इसमें तेजी दिखी, लेकिन विभाग के एसीएस केके पाठक ने रोड़ा अटका दिया। शर्त ऐसी रखी कि नियोजित शिक्षक पहले उग्र हुए और अब डिप्रेशन में जा रहे हैं। उनके सामने कई चुनौतियां हैं। पहले बच्चों को पढ़ाएं या तैयारी करें। वही पटना के ट्रेनी एसपी विक्रम सियाग ने बताया है कि नियोजित शिक्षकों को धरना स्थल में बिठाया गया है। यहां से उन्हें विधानसभा जाने की इजाजत नहीं दी गई है। अगर नियोजित शिक्षक यहां से निकलने का प्रयास करते हैं तो उन्हें रोका जाएगा। इसके लिए यहां 200 पुलिस बल की तैनाती की गई है। यहां 25 मजिस्ट्रेट और 25 पदाधिकारियों की तैनाती की गई। प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष बृज नंदन शर्मा ने कहा कि सरकार तानाशाही रवैया अपना रही है और लोकतंत्र में शिक्षकों के साथ गैर लोकतांत्रिक व्यवहार हो रहा है। इसका वह विरोध करते हैं। शिक्षकों के साथ सरकार को बातचीत करनी चाहिए थी। लेकिन, सरकार शिक्षकों पर आदेश पर आदेश थोप रही है, जो व्यावहारिक नहीं है। शिक्षकों के मुद्दे पर वह सरकार के खिलाफ है और विरोध कर रहे हैं। सभी शिक्षक एकजुट होकर के सरकार के सक्षमता परीक्षा का विरोध करेंगे।
प्राथमिक शिक्षक संघ 16 फरवरी को प्रदर्शन करेगा
प्रदर्शन में प्राथमिक शिक्षक संघ और माध्यमिक शिक्षक संघ शामिल नहीं होंगे। नियोजित शिक्षकों द्वारा एक नया संघ बिहार शिक्षक एकता मंच बनाया गया है। वहीं, प्राथमिक शिक्षक संघ 16 फरवरी को करेगा प्रदर्शन। हजारों की संख्या में उस दिन भी शिक्षक पटना पहुंचेंगे और एकजुट होकर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेंगे।
बिना शर्त राज्यकर्मी का दर्जा देने की मांग
नियोजित शिक्षक एवं पुस्तकालय अध्यक्ष के लिए सक्षमता परीक्षा समाप्त कर बिना शर्त राज्यकर्मी का दर्जा दिया जाए। ऐच्छिक स्थानांतरण समेत अन्य मुद्दों को लेकर प्रदर्शन करेंगे।
सामूहिक अवकाश के लिए दिया आवेदन
वहीं, बेगूसराय और दरभंगा में नियोजित शिक्षकों ने आंदोलन में शामिल होने के लिए जिला शिक्षा अधिकारी को सामूहिक अवकाश का आवेदन दिया है। प्रदर्शन को देखते हुए कई जिलों में शिक्षा विभाग की ओर से नियोजित शिक्षकों के सीएल (छुट्‌टी) पर रोक लगा दी गई है। इस संबंध में एक लेटर भी जारी किया गया है। पत्र में साफ-साफ लिखा है, सक्षमता परीक्षा के विरोध में विधानसभा के समक्ष प्रदर्शन करने की सूचना प्राप्त हुई है। ऐसे में आप सभी को निर्देश दिया जाता है कि किसी भी परिस्थिति में विद्यालय में शिक्षण कार्य में कोई बाधा उत्पन्न नहीं हो, इसलिए 13-02-2024 को कोई भी छुट्टी नहीं दी जाएगी।

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