निकला 72 ताबूत : कर्बला के शहीदों का जिक्र होते जायरीन सीना पीट रोते

पटना सिटी (आनंद केसरी)। आलमगंज थाना के ठीक सामने गुलजारबाग इमाम बारगाह इमाम बादी बेगम इस्टेट। यहां 72 ताबूत का मंजर पेश किया जा रहा था। मैदान के चारों ओर दूधिया रोशनी अपनी छटा बिखेर रही थी। काले पोशाकों में हर आयु वर्ग के महिला-पुरुष जायरीन का जमावड़ा लगा था। इस बीच सैयद नासिर अब्बास शजर ने पहले सोजखानी पेश की। इसके बाद सैयद फारूक हुसैन नकवी ने मरसिया पढ़ा। अली जनाब मौलाना सैयद मुराद रजा ने मजलिस पढ़ा। जनाब सैयद कैसर जौनपुरी पहले मौलाना हैं, जिन्होंने 72 ताबूत का मंजर तथा दृश्य बयां करने वाले हैं। इमामबंदी बेगम बक्फ इस्टेट में सैयद कैसर जौनपुरी एक-एक शहीद का जिक्र कर रहे थे, तो नौजवान अली अकबर का ताबूत लेकर निकले। इसके बाद लोग सीना पीट-पीट कर रोने लगे। फिर छह माह के छोटे बच्चे अली असगर का झूला लिए हुए जब युवा खेमे से बाहर आए, तो उसे देखते ही छोटे बच्चे और महिलाएं जोर-जोर से रोने लगीं। उनके शोर करने से पूरा माहौल गमगीन हो गया। बताया जाता है कि अली असगर जब छह माह के थे, तो प्यास से बिलबिला रहे थे। सामने में ही नहर फुरात थी। मगर यजीद के लोगों ने बच्चे को पानी पीने नहीं दिया। यजीद के लश्कर ने बच्चे के गले को तीरों से छलनी कर दिया। बात सिर्फ इतनी थी कि यजीद के आगे इमाम हुसैन बैयत कर लें। हजरत इमाम हुसैन शहीद होना कबूल किया, मगर इस्लाम को झुकने नहीं दिया। हजरत अब्बास का ताबूत और अलम लेकर लड़के निकले। लोगों की आंखें नम हो गईं। दिलों में जज्बात का तूफान पैदा हो गया और लोगों ने अलम का बोसा लिया। लोग जोर-जोर से रो रहे थे। जब 71 ताबूत खेमे से बाहर निकल चुका था, तो कर्बला के आखिरी शहीद हजरत इमाम हुसैन का ताबूत लिए बनयान अपने कंधे पर लेकर खेमे से बाहर आए, तो लोग मौलाना की तकरीर सुन रहे थे और पूरे इमामबाराह में सिर्फ रोने, सिर पीटने और सीनाजनी की आवाज गूंज रही थी। अंत में मुसर अली हाशमी ने सलाम पेश किया और बनियान ने मुनाजात पेश की। यहां पर पिछले 22 वर्षों से 72 ताबूत निकाला जा रहा है। इसे देखने के लिए दिल्ली, हरियाणा, महाराष्ट्र, झारखंड समेत बंगलादेश, नेपाल आदि से भी लोग पहुंचे हैं। यहां जायरीनों के लिए शरबत और चाय की व्यवस्था की गई थी। इस आयोजन को सैयद हादी हसन, सैयद अमानत अब्बास, मिर्जा इम्तियाज हैदर, सैयद असगर इमाम आदि के द्वारा आयोजित किया जाता है।
[24/10, 19:09] ‪+91 93043 42337‬: शरद पूर्णिमा पर गंगा स्नान, शांति पूजा
पटना सिटी। शरद पूर्णिमा के मौके पर बड़ी संख्या में लोगों ने गंगा में डुबकी लगाई और श्री सत्यनारायण स्वामी की पूजा कर कथा कही-सुनी। जिन स्थानों पर भगवती दुर्गा देवी की प्रतिमा स्थापित कर पूजा-अर्चना दशहरा में कई गई थी, ऐसे अधिकांश स्थानों पर शांति पूजा का असयोजन हुआ। दूसरी ओर बेगमपुर स्थित प्राचीन दादाबाड़ी जैन मंदिर में बुधवार को शरद पूर्णिमा उत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। कार्यक्रम की शुरुआत 24 तीर्थंकरों के स्तुति गान से हुई। मौके पर जैन श्रद्धालुओं ने दादागुरु की बड़ी पूजा की। मौके पर भजन-कीर्तन व पूजन का आयोजन किया गया। वक्ताओ ने शरद पूर्णिमा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए खुशहाली व समृद्धि की मंगल कामना की। प्रदीप जैन, राजेश चौरड़िया, पारस जैन, प्रमोद जैन, गणेश सिपानी, प्रमिला जैन, रजनी जैन, ज्योति जैन, सुखराज जैन, कमल जैन, शंभु पाण्डेय सहित गण्यमान्य जैनी उपस्थित थे।

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