नीतीश की विपक्षी एकता को सुशील मोदी ने बताया फ्लॉप शो, कहा- कही यह मुहीम एक खुशनुमा ख्वाब बनकर न रह जाए
पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विपक्षी एकता को धार देने में जुटे हुए हैं। वही इसको लेकर भापजा लगातार हमलावर है। बता दे की BJP हर दिन CM नीतीश की इस मुहीम को चुनौती दे रही है। आज पूर्व उपमुख्यमंत्री व सांसद सुशील कुमार मोदी ने तंज कसा और विपक्षी एकजुटता मिशन को फ्लॉप शो बताया है। वही उन्होंने कहा है कि प. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और कांग्रेस ने विपक्षी एकता के जिस गुब्बारे को पिन मार कर पंक्चर कर दिया है, उस गुब्बारे में दूसरे नेता हवा भरने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं। पश्चिम बंगाल में ममता दीदी ने कांग्रेस के एकमात्र विधायक बायरन विस्वास को TMC में शामिल करा लिया। वहीं कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने TMC को BJP की बी टीम करार दिया है। ऐसे में क्या वहां TMC और कांग्रेस में एकता हो सकती है? कुछ प्रासंगिक और मौजू उदाहरण देते हुए BJP सांसद ने विपक्षी एकता मुहीम के प्रमुख किरदार नीतीश कुमार से बुधवार को बयान कर कुछ सवाल खड़ा करते हुए कहा कि कुछ राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठने और चाय पीने से विपक्षी एकता नहीं हो जाती।
यूपी विधान परिषद के चुनाव में कांग्रेस और बसपा, दोनों दलों ने अखिलेश यादव की पार्टी का समर्थन करने से इनकार कर दिया। क्या यूपी में भाजपा-विरोधी 3 बड़े दलों में नीतीश कुमार एकता करा पाएंगे? वहीं दिल्ली संबंधी अध्यादेश पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को समर्थन देने से कांग्रेस ने इनकार कर दिया। कांग्रेस की दिल्ली और पंजाब प्रदेश इकाई आप के साथ खड़ी होने को राजी नहीं है। राहुल गांधी मुख्यमंत्री केजरीवाल को मिलने का समय दिए बैगर ही विदेश चले गए हैं। बता दे कि 12 जून को विपक्षी दलों की महाबैठक पटना में होने वाली है। वही इस महा बैठक में लगभग दो दर्जन सियासी दलों के नेता शामिल होंगे और लोकसभा चुनाव की रणनीति पर चर्चा करेंगे। लेकिन अभी तक लोकसभा चुनाव को लेकर विपक्षी दलों में सीटों के बंटवारे पर कोई बात नहीं हुई है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि सीटों के बंटवारे को लेकर विपक्षी दलों में एक राय बनती है या विपक्षी एकता की मुहीम एक खुशनुमा ख्वाब भर रह जाता है।