पश्चिम चंपारण में मिड-डे मील मामले में मानवाधिकार आयोग ने मुख्य सचिव को किया तलब, 4 हफ्तों में मांगा जवाब

पटना। पश्चिम चंपारण में मिड डे मील खाने के बाद बीमार पड़े 150 बच्चों के मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने बिहार के मुख्य सचिव को नोटिस भेजा है। आयोग ने अपने पत्र में कहा है कि जाहिर है इस मामले में अधिकारियों के स्तर पर चूक हुई है। सरकार आयोग के पत्र का संज्ञान लेते हुए उसे पूरे मामले से अवगत कराए। मुख्य सचिव को जवाब देने के लिए चार हफ्ते का समय दिया गया है। पिछले हफ्ते गुरुवार को पश्चिम चंपारण के बगहा अनुमंडल के नरवाल-बरवाला पंचायत के राजकीय मध्य विद्यालय में मिड डे मिल खाने के बाद करीब डेढ़ सौ बच्चे बीमार पड़े गए। जिन्हें आनन-फानन में इलाज के लिए पास के अस्पताल में भर्ती करना पड़ा था। विभिन्न समाचार पत्रों में छपे इस समाचार पर संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने मुख्य सचिव आमिर सुबहानी से जवाब तलब किया है। आयोग की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि मीडिया रिपोर्ट में छपे समाचार यदि सत्य हैं तो यह बच्चों के मानवाधिकार के उल्लंघन और लापरवाही का मामला है। भोजन खराब तरीके से तैयार किया गया और छात्रों को परोसा गया। आयोग ने माना कि स्कूल के अधिकारियों की ओर से भी निरीक्षण में चूक हुई है। मुख्य सचिव को पूरी घटना की जांच कराते हुए रिपोर्ट चार हफ्ते में मानवाधिकार को भेजने के निर्देश दिए गए हैं। सरकार को अपनी रिपोर्ट में यह जानकारी भी देने के निर्देश हैं कि भविष्य में इस प्रकार की घटना की पुनरावृत्ति नहीं हो इसके लिए क्या कदम उठाए गए। उनके खिलाफ अब तक क्या कार्रवाई की गई है।

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