संवेदनशील व गम्भीर रचनाओं के लिए सदा याद की जाती रहेंगी डॉ. सुलक्ष्मी, असामयिक निधन पर साहित्य सम्मेलन ने गहरा शोक व्यक्त किया

पटना(अजीत)। रक्षा लेखा नियंत्रक के पटना कार्यालय में वरिष्ठ अनुवादक व विदुषी लेखिका डॉ. सुलक्ष्मी कुमारी नही रहीं। गत बुधवार की संध्या एक सड़क-दुर्घटना में उनकी असामयिक और दुखद मृत्यु हो गयी. उनके निधन से साहित्य जगत मर्माहत है। अपने शोधप्रबंध ‘नागार्जून के उपन्यासों में मिथिलांचल’ से साहित्य में अपना विशिष्ट स्थान सृजित करने वाली संवेदनशील रचनाकार डॉ. सुलक्ष्मी बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन की कार्यसमिति की सक्रिय सदस्य भी थीं. वही गुरुवार को गुल्बी-घाट पर उनके पार्थिव शरीर का अग्नि-संस्कार संपन्न हुआ। उनके 13 साल के एक मात्र पुत्र अतुल्य वैभव ने अपने पिता संजय कुमार के साथ मुखाग्नि दी। उनकी 2 पुत्रियों में सबसे बड़ी विजय लक्ष्मी बी. डी. एस. तथा छोटी विदिशा, पटना चिकित्सा महाविद्यालय में MBBS की छात्रा है। साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष डॉ. अनिल सुलभ की अध्यक्षता में शुक्रवार को सम्मेलन सभागार में एक शोक सभा आहूत कर दिवंगत आत्मा के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की गयी। अपने शोकोदगार में सम्मेलन अध्यक्ष डॉ. अनिल सुलभ ने कहा कि डॉ. सुलक्ष्मी का निधन हिन्दी-जगत के साथ ही साहित्य सम्मेलन की बड़ी क्षति है। वो पूरे मन-प्राण से सम्मेलन और साहित्य दोनों की सेवाएँ करती रहीं।

घर-परिवार से लेकर कार्यालय और साहित्य के कार्य तक जिस निपुणता के साथ वह कर पाती थीं, उस तरह का सामंजस्य स्थापित करना विरले किसी के सामर्थ्य में हो सकता है। उनकी बहु-आयामी सक्रियता, कौशल और अहंकार-शून्यता किसी भी स्त्री के लिए ही नहीं पुरुषों के लिए भी आदर्श है। सुलक्ष्मी जी अपनी गुरु-गम्भीर रचनाओं, मृदुल-सदव्यवहार और साहित्यिक सक्रियता के लिए सदैव स्मरण की जाती रहेंगी। उनके असामयिक निधन ने मेरे मर्म तक आहत किया है। उनकी अनेक सखियाँ आज रो रही हैं। सैकड़ों नेत्रों में आँसू हैं। वही शोकोदगार व्यक्त करनेवालों में सम्मेलन की उपाध्यक्ष कल्याणी कुसुम सिंह, डॉ. शंकर प्रसाद, प्रधानमंत्री डॉ. शिववंश पाण्डेय, कवि कमला प्रसाद, डॉ. ध्रुव कुमार, लता प्रासर, प्रो. सुशील कुमार झा, बाँके बिहारी साव, पंकज प्रियम, श्रीकान्त व्यास, कृष्ण रंजन सिंह, राम किशोर सिंह विरागी, प्रवीर कुमार पंकज, नेहाल कुमार सिंह निर्मल, बिंदेश्वर प्रसाद गुप्त, डॉ. शालिनी पाण्डेय, डॉ. पूनम आनंद, डॉ. अर्चना त्रिपाठी, डॉ. ध्रुव कुमार, भगवती प्रसाद द्विवेदी, डॉ. अमरनाथ प्रसाद, डॉ. सुषमा कुमारी, ओम् प्रकाश पाण्डेय प्रकाश, आरपी घायल, नीलांशु रंजन, सुनील कुमार उपाध्याय, कुमार अनुपम, आराधना प्रसाद, ब्रह्मानन्द पाण्डेय, डॉ. सुधा सिन्हा, किरण सिंह, चित रंजन लाल भारती, डॉ. विजय प्रकाश, अंकेश कुमार, प्रो. राम भगवान सिंह, आचार्य विजय गुंजन, प्रभात धवन, अभिलाषा कुमारी, निकहत आरा, शमा कौसर शमा, डॉ. रणजीत कुमार के नाम शामिल हैं। सभा के अंत में दो घड़ी मौन रखकर, मुक्त-आत्मा के प्रति विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की गयी।

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