सुभाष यादव का लालू पर बड़ा हमला, कहा- सीएम हाउस से होती थी अपहरण की डील, सब कुछ तय करते थे लालू

  • राजद सुप्रीमो के साले का बड़ा बयान: अपहरण के लिए सीएम आवास में मीटिंग होती थी, फिरौती भी तय करते थे मुख्यमंत्री

पटना। लालू यादव के साले सुभाष यादव ने राजद सुप्रीमो पर बड़े गंभीर आरोप लगाए हैं। गुरुवार को एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि ‘ लालू यादव के सीएम रहते अपहरण और फिरौती की डील मुख्यमंत्री आवास से होती थी। सुभाष यादव ने एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में दावा किया कि जब लालू यादव मुख्यमंत्री थे, तब उनके सीएम हाउस से अपहरण और फिरौती की डील तय की जाती थी। उन्होंने कहा कि लालू यादव न केवल इन सौदों में शामिल रहते थे, बल्कि फिरौती की रकम भी वही तय करते थे।
सुभाष यादव का सनसनीखेज बयान
टीवी चैनल से बातचीत के दौरान सुभाष यादव ने कई बड़े दावे किए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री आवास में अपहरण से जुड़े मामलों की बैठकें होती थीं, जिनमें लालू यादव के करीबी नेता भी शामिल होते थे। उन्होंने यह भी सवाल किया कि उन्हें चारा घोटाले या अलकतरा घोटाले में क्यों नहीं पकड़ा गया, जबकि उन्हें बदनाम करने की साजिश रची गई।
कौन हैं सुभाष यादव?
सुभाष यादव कभी लालू यादव के खासमखास माने जाते थे। 90 के दशक में उनकी बहन राबड़ी देवी जब मुख्यमंत्री बनीं, तो उनके दोनों भाई – साधु यादव और सुभाष यादव – सत्ता के केंद्र माने जाते थे। सुभाष यादव पहले पटना सचिवालय में क्लर्क थे, लेकिन 1997 में बहन के मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने नौकरी छोड़ दी और सत्ता के कामकाज को देखने लगे। हालांकि, अब उनके रिश्ते लालू यादव और उनके परिवार से अच्छे नहीं हैं।
राजनीतिक समीकरण और आरोपों का असर
बिहार की राजनीति में लालू यादव पर पहले भी कई गंभीर आरोप लग चुके हैं, लेकिन उनके सगे संबंधी से इस तरह के आरोप आना चौंकाने वाला है। हालांकि, राजद की ओर से अभी तक इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। सुभाष यादव के इस बयान का राजनीतिक असर जरूर होगा, क्योंकि यह बयान ऐसे समय में आया है जब बिहार की राजनीति में नए गठबंधन और समीकरण बन रहे हैं। इस बयान के बाद यह देखना दिलचस्प होगा कि राजद और अन्य विपक्षी दल इस पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं और क्या इससे बिहार की राजनीति में कोई बड़ा बदलाव आता है या नहीं।

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