यूजी और पीजी के छात्रों को एबीसी आईडी बनाना अनिवार्य, इनके बिना नहीं होंगे यूनिवर्सिटी में एडमिशन
पटना। सभी स्नातक (यूजी) और स्नातकोत्तर (पीजी) छात्रों के लिए अब अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट में खाता बनाना अनिवार्य कर दिया गया है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी), इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय तथा डिजिटल इंडिया के संयुक्त प्रयास से यह निर्णय लिया गया है। इस संबंध में छात्रों को एक लिंक प्रदान किया गया है, जिसके माध्यम से उन्हें अपनी जानकारी भरनी होगी।
क्या है अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट
अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट एक ऐसी व्यवस्था है, जिसके माध्यम से छात्रों द्वारा उच्च शिक्षा में अर्जित किए गए क्रेडिट को एक केंद्रीकृत खाते में संग्रहीत किया जाएगा। इसका उद्देश्य छात्रों को क्रेडिट ट्रांसफर में सहूलियत प्रदान करना है, जिससे वे किसी भी विश्वविद्यालय या संस्थान में अपनी शिक्षा जारी रख सकें। यह खास तौर पर उन छात्रों के लिए सहायक सिद्ध होगा जो मल्टी-डिसिप्लिनरी कोर्स करना चाहते हैं, क्योंकि उनके द्वारा प्राप्त सभी क्रेडिट अंक इस बैंक में सुरक्षित रहेंगे और इन्हें उनके अंतिम परिणाम में शामिल किया जाएगा।
डिजिलॉकर और क्रेडिट ट्रांसफर की सुविधा
छात्रों द्वारा उनके पाठ्यक्रम के दौरान अर्जित किए गए सभी क्रेडिट और शैक्षिक दस्तावेज डिजिलॉकर में सुरक्षित रहेंगे। इस सुविधा से छात्रों को यह लाभ होगा कि वे कभी भी, किसी भी संस्थान में अपना क्रेडिट ट्रांसफर कर सकते हैं। जब वे च्वॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम के तहत किसी नए संस्थान में नामांकन लेंगे, तो उनके क्रेडिट बिना किसी रुकावट के आसानी से स्थानांतरित किए जा सकेंगे।
नौकरियों में भी सहायक
एबीसी के तहत छात्रों के क्रेडिट को डिजिलॉकर में संग्रहीत किया जाएगा, जिससे वे अपनी डिग्रियों और शैक्षिक उपलब्धियों को किसी भी नौकरी के आवेदन के समय मान्य रूप में प्रस्तुत कर सकेंगे। डिजिलॉकर में सुरक्षित सभी दस्तावेज पूरी तरह से मान्य और विश्वसनीय माने जाएंगे। यह सुविधा न केवल छात्रों के लिए एक सुरक्षित दस्तावेज़ भंडारण माध्यम होगी, बल्कि उनके शैक्षिक रिकॉर्ड को डिजिटल रूप में प्रस्तुत करने में भी मदद करेगी।
अटेंडेंस और करिकुलर एक्टिविटीज का महत्व
एबीसी आईडी के तहत छात्रों के उपस्थिति और सह-पाठ्यक्रम गतिविधियों में भागीदारी के आधार पर उन्हें परीक्षा के समय अंक प्रदान किए जाएंगे। इस प्रणाली के अंतर्गत छात्रों को न्यूनतम 28 अंक प्राप्त करने होंगे, जो कुल 40 अंकों में से होंगे। इसका उद्देश्य छात्रों को शैक्षणिक और सह-पाठ्यक्रम गतिविधियों में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित करना है।
एडमिशन के लिए अनिवार्य
एबीसी आईडी के बिना छात्रों को अब विश्वविद्यालय में प्रवेश नहीं मिलेगा। यह कदम उच्च शिक्षा में पारदर्शिता और समानता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उठाया गया है। सभी यूजी और पीजी छात्रों के लिए एबीसी में पंजीकरण और खाता बनाना अनिवार्य कर दिया गया है। अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट एक ऐसा मंच है, जो छात्रों के शैक्षिक सफर को आसान और सुगम बनाएगा। इससे छात्रों को अपने शैक्षणिक क्रेडिट का बेहतर प्रबंधन करने में सहायता मिलेगी और उच्च शिक्षा में नए अवसरों का लाभ उठाने का मौका मिलेगा।