एसपी ने लिया भद्र घाट का जायजा, यहां अधिक होती प्रतिमाओं का विसर्जन

पटना सिटी (आनंद केसरी)। पटना के शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में स्थापित की जाने वाली अधिकांश प्रतिमाओं का विसर्जन भद्र घाट पर होता होता है। यहां व्यवस्था नगर निगम और प्रशासन के द्वारा किया जाता है। विसर्जन की व्यवस्था का जायजा लेने को सिटी एसपी ईस्ट राजेन्द्र सिंह भील पहुंचे। उनके साथ सिटी के एएसपी बलिराम चौधरी और आलमगंज थाना के थानेदार ओमप्रकाश भी थे। जब वे यहां पहुंचे, तब यहां स्थानीय लोग सफाई अभियान चला रहे थे और सिटी एसडीओ राजेश रौशन भी मौजूद थे। उन्हें बताया गया कि अशोक राजपथ के पूरब और पश्चिम से विसर्जन को आने वाली प्रतिमाओं को भद्र घाट के मुख्य प्रवेश द्वार से प्रवेश दिया जाता है। पूरब की प्रतिमा का वाहन गंगा किनारे से महावीर घाट से लौटता है। मौजूद पूर्व पार्षद लल्लू शर्मा और मिथिलेश प्रसाद ने कहा कि भद्र घाट से महावीर घाट जाने वाला रास्ता तो ठीक है, मगर लाइट की व्यवस्था करनी होगी। घाट किनारे बनने वाला बांस का चाली भी लंबाई-चौड़ाई में अधिक बने, ताकि 8-10 प्रतिमाओं को रखा जा सके। एसडीओ राजेश रौशन और थानेदार ओमप्रकाश ने भी बताया कि अशोक राजपथ मोड़ से गंगा किनारे तक सीसीटीवी, ध्वनि विस्तारक यंत्र, पर्याप्त रोशनी, गोताखोर की व्यवस्था होती है। अस्थाई पुलिस प्रशासन का पंडाल बनता है। यहां विसर्जन को आने वाली प्रतिमाओं के पूजा समिति वाले को निर्गत लाइसेंस जमा लिया जाता है। इसके बाद उन सबों को आगे जाने दिया जाता है। एसपी ने कहा कि सभी पूजा समितियों को इस बार भी लाइसेंस लेना होगा और नियमों का पालन करना होगा। घातक हथियार पर पाबंदी होगी। जानवरों और डीजे को विसर्जन जुलूस में शामिल नहीं होने दिया जाएगा।

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