सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद महाराष्ट्र के एकनाथ शिंदे सरकार को बने रहने का नैतिक अधिकार नहीं : गगन
पटना। राजद के प्रदेश प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने कहा है कि माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा आज दिए गए दो महत्वपूर्ण फैसले में जिस प्रकार दिल्ली के उप राज्यपाल और महाराष्ट्र के तत्कालीन राज्यपाल पर टिप्पणियां की गई है, उससे एक बार फिर यह साबित हो जाता है कि किस प्रकार देश के संवैधानिक व्यवस्था और लोकतांत्रिक मर्यादाओं के साथ खुलेआम छेड़छाड़ किया जा रहा है। वही राजद प्रवक्ता ने कहा कि माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिया गया आज का दोनो फैसलों ने यह साबित कर दिया है कि देश में अभी भी संविधान जिन्दा है और किसी को भी संवैधानिक व्यवस्था के खिलाफ जाने का अधिकार नहीं है। महाराष्ट्र में जिस प्रकार सारे संवैधानिक मर्यादाओं को तोड़ते हुए उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र विकास आघाड़ी की सरकार को गिरा कर एकनाथ शिंदे की सरकार बनाई गयी उसने न केवल लोकतांत्रिक मर्यादाओं को तार-तार किया बल्कि संवैधानिक व्यवस्था की हीं हत्या कर दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट के इस टिप्पणी कि यदि उद्धव ठाकरे इस्तीफा नहीं दिए हुए रहते तो उन्हें राहत मिल सकती थी। अपने आप में एक बहुत बड़ी टिप्पणी है। और इस टिप्पणी के बाद एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। इसलिए उन्हें स्वत: इस्तीफा दे देना चाहिए। वही आगे राजद प्रवक्ता ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले ने केन्द्र की BJP सरकार के चेहरे से नकाब को हटा दिया है। वही इसके गैर संवैधानिक चरित्र को बेनकाब कर दिया है।