शहाबुद्दीन से लंबी अदावत चली थी,बाहुबली सतीश पांडे की,शंभू मिश्र की हत्या से आक्रोश में है पांडे ग्रुप,गोपालगंज में तनाव बरकरार

पटना।(बन बिहारी)गोपालगंज के रूपनचक में हुए नरसंहार के मामले में गोपालगंज के सर्वाधिक बाहुबली सतीश पांडे तथा उनके जिला परिषद अध्यक्ष पुत्र मुकेश पांडे को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।हालांकि इसी घटना में नामजद कराए गए विधायक अमरेंद्र पांडे उर्फ पप्पू पांडे की गिरफ्तारी पुलिस नहीं कर सकी है।पप्पू पांडे के गिरफ्तारी नहीं होने के पीछे सत्ता के हस्तक्षेप को भी एक वजह बताया जा रहा है।गोपालगंज के बाहुबली सतीश पांडे का अपराध से दशकों पुराना नाता रहा है। 1982 में पुलिस बल में जिलाधिकारी के अंगरक्षक के रूप में सतीश पांडे तैनात हुआ करते थे।मगर किसी घटना के प्रतिशोध में उन्हें आज राज्य के सर्वाधिक बड़े अपराधी सरगना में एक बना दिया। 90 के दौर में सिवान के बाहुबली सांसद शहाबुद्दीन से गोपालगंज के सतीश पांडे की लंबी अदावत चली है।1995 में सतीश पांडे बिहार पीपुल्स पार्टी से दरौली से चुनाव लड़े थे मगर हार गए। 2000 में समता पार्टी के टिकट पर विधानसभा पहुंचने का प्रयास किया था।मगर सफलता हाथ नहीं लगी गोपालगंज के इस बाहुबली सरगना पर पुरखास नरसंहार,चाड़ी नरसंहार,ताहिरा नरसंहार समेत दरोगा हत्याकांड एवं पूर्व मंत्री बृज बिहारी प्रसाद की हत्या में भी सीबीआई के द्वारा इन्हें अभियुक्त बनाया गया था। हालांकि अधिकांश केसों में साक्ष्यों के अभाव में अदालत ने बरी कर दिया था। सिवान के सांसद शहाबुद्दीन के साथ चली लंबी अदावत में कई लोगों की जानें गई थी। सामाजिक समीकरण में बदलाव के उपरांत सिवान के चर्चित हेमंत सिंह हत्याकांड के बाद बाहुबली सतीश पांडे ने अपराध जगत में कदम रखा।मुजफ्फरपुर के बाहुबली छोटन शुक्ला भुटकुन-शुक्ला, मोतिहारी के देवेंद्र दुबे,गोरखपुर के श्री प्रकाश शुक्ला समेत मोकामा के सूरजभान सिंह,जो अभी भी लोजपा के कद्दावर नेता है,के साथ गठजोड़ करके इस सिंडिकेट ने अपराध जगत में पूरे बिहार में समानांतर राज्य कायम कर लिया था। गोपालगंज में बाहुबली सतीश पांडे की तूती इस कदर बोलती थी कि 2006 में इनकी पत्नी उर्मिला पांडे को निर्विरोध जिला परिषद अध्यक्ष बनने में सफलता हासिल हुई थी।इतना ही नहीं राजनीतिक जीवन के शुरुआत में जिला परिषद अध्यक्ष का पद इस परिवार के लिए बेहद अहम रहा।सबसे पहले बाहुबली सतीश पांडे के छोटे भाई अमरेंद्र पांडे उर्फ पप्पू पांडे,जो अभी जदयू विधायक हैं,ने 2002 में जिला परिषद अध्यक्ष बनकर सतीश पांडे के राजनीतिक ताकत को गति दी थी।एक तरह से कहा जाए तो जिला परिषद में इस परिवार का लगभग 20 वर्षों से कब्जा है।बाहुबली सतीश पांडे के भाई तथा पत्नी के जिला परिषद अध्यक्ष बनने के बाद आज उनके पुत्र मुकेश पांडे,जो इस नरसंहार में अभियुक्त है,तथा साथ ही गिरफ्तार भी कर लिए गए हैं।जिला परिषद अध्यक्ष के पद पर आसीन हैं।बाहुबली सतीश पांडे की तूती सिवान-गोपालगंज ही नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश के जिलों में भी बोलती थी। इतना नहीं बिहार में भी किसी बड़े बाहुबली की हिमाकत नहीं है कि सतीश पांडे उर्फ पहलवान जी के आदेश को नजरअंदाज कर सके।बताया जाता है कि लॉक डाउन के दौरान कुछ दिन पूर्व इनके खास माने जाने वाले शंभू मिश्रा की हत्या कर दी गई थी।जिसके बाद से यह बाहुबली काफी गुस्से में था।गोपालगंज में पांडे ग्रुप के सल्तनत को शंभू मिश्रा के हत्या के रूप में बड़ी चुनौती मिली।यह चुनौती नागवार गुजरी,आने वाले समय में वर्चस्व की लड़ाई में किला से गिरेगी यह कहना अभी भी मुश्किल है।बहरहाल सतीश पांडे तथा उनके पुत्र मुकेश पांडे की गिरफ्तारी से जिले में हड़कंप का माहौल बरकरार है।

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